यह घटना बुधवार को हुई और सलई बनवा प्राथमिक स्कूल के रसोइए द्वारा दूध में पानी मिलाने का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने इस मामले का संज्ञान लिया। अधिकारियों ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं और कोटा ग्राम पंचायत के 'शिक्षा मित्र' के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। मिड डे मील के मेन्यू के अनुसार बुधवार को प्रत्येक बच्चे को 150 मिलीलीटर दूध दिया जाना चाहिए।
खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में गाय या भैंस का दूध नहीं मिलता है तो बच्चों को टेट्रा पैक का दूध पिलाया जाता है। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने भी गुरुवार को विद्यालय पहुंचकर प्रभारी प्रधानाचार्य सहित शिक्षामित्र एवं बच्चों का बयान लिया। जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी रामबाबू त्रिपाठी को विद्यालय भेजकर दूध का नमूना भी मंगवाया था।