अयोध्या (यूपी)। अयोध्या की जिला अदालत ने 2012 में हुए सांप्रदायिक दंगों के सभी 14 आरोपियों को मंगलवार को बरी कर दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता रामकृष्ण तिवारी ने बताया कि फैजाबाद के जिलाध्यक्ष संजीव फौजदार की अदालत ने अक्टूबर 2012 में दुर्गा पूजा के जुलूस के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों के सभी आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में सभी गवाह अपने बयान से मुकर गए।
तिवारी ने कहा कि मामले के सभी गवाह मुकर गए और पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई सुबूत पेश करने में असफल रही इसलिए अदालत ने सभी 14 आरोपियों को बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर 2012 की शाम को कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा देवी दुर्गा की मूर्तियों को तोड़े जाने की अफवाह के बाद दंगा भड़क गया था। हिंसक भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय की दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को निशाना बनाया। दंगों में दर्जनों दुकानों और घरों को जला दिया गया और लूट लिया गया।
दुर्गा पूजा जुलूस का नेतृत्व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज जायसवाल कर रहे थे, जो उस वक्त अयोध्या-फैजाबाद दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष थे। उस समय समाजवादी पार्टी सत्ता में थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। भीड़ ने पुलिस वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया था और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।