शर्मा ने कहा कि यहां एक 'कृष कूप' (कुआं) है। यह बंद नहीं है, लेकिन इसमें पानी नहीं है। इस कुएं का वर्णन स्कंद पुराण में भी है, संभल के सभी तीर्थ स्थलों का वर्णन स्कंद पुराण में है, और स्कंद पुराण के वराह खंड में भी कल्कि मंदिर का पूरा वर्णन है, यह कुआं मंदिर परिसर के अंदर ही है, यह पुरानी बाउंड्री के अंदर था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार का घटनाक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एएसआई की 4 सदस्यीय टीम द्वारा हाल ही में खोजे गए श्री कार्तिक महादेव मंदिर, पांच 'तीर्थ' (तीर्थ स्थल) और 19 'कूपों' (कुओं) का सर्वेक्षण करने के एक दिन बाद हुआ है।
संभल के जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पेंसिया ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि कि एएसआई की चार सदस्ईय टीम ने सुबह सर्वेक्षण शुरू किया। यह सर्वेक्षण दोपहर 3.30 बजे तक जारी रहा। इसमें एएसआई टीम ने संभल के 5 तीर्थ स्थलों और 19 कूपों का सर्वेक्षण किया और साथ ही नए मंदिर (श्री कार्तिक महादेव मंदिर) का भी सर्वेक्षण किया। डीएम ने कहा कि इन सभी जगह की माप हमने पहले ही करा ली थी, लेकिन एएसआई ने आज सर्वे किया है।
पेंसिया ने कहा कि इन कुओं में चतुर्मुख कूप, मोक्ष कूप, धर्म कूप समेत 19 कुओं और भद्रक आश्रम, स्वर्गदीप और चक्रपाणि समेत पांच तीर्थ स्थलों का सर्वेक्षण किया गया। इसके साथ ही, जो नया मंदिर (कार्तिक महादेव) मिला है, उसका भी एएसआई ने सर्वेक्षण किया है। हमने इन सभी स्थानों की पहले ही माप कर ली थी, लेकिन एएसआई ने आज सर्वेक्षण किया।
3 खंडित मूर्तियां मिलीं : अधिकारियों ने सोमवार को बताया था संभल जिले में 46 वर्षों तक बंद रहने के बाद पिछले सप्ताह खोले गए भस्म शंकर मंदिर के कुएं में 3 खंडित मूर्तियां मिली हैं। श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसंबर को पुनः खोल दिया गया था। अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढांचा मिला था।