अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा अंदरूनी अविश्वास का शिकार है। उन्होंने कहा है कि पदस्थापना, कार्रवाई, निर्णय और आदेश का आधार न्याय होना चाहिए, जाति नहीं।“46 में 56” का हास्यास्पद और अपुष्ट दावा करनेवाले, ऊपर से लेकर नीचे तक सभी प्रमुख पदों पर 100 में 100 अपने ही लोग बैठाए हुए हैं। क्या वो अपने से इतर औरों को इन पदों के लिए योग्य नहीं समझते हैं या फिर सिर पर लटकी हुई दिल्ली की तलवार की वजह से किसी को विश्वास योग्य नहीं समझते…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 6, 2024