लखनऊ। उत्तरप्रदेश के अयोध्या की गोसाईगंज सीट से बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को 29 साल बाद बीते 18 अक्टूबर 2021 को फर्जी मार्कशीट केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद से ही उनकी विधानसभा सदस्यता भी खतरे में पड़ गई थी। इसके चलते गुरुवार को विधानसभा सदस्यता रद्द करते हुए विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है।
गौरतलब है कि 1992 में साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंशराम त्रिपाठी ने 3 लोगों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट के आधार पर एडमिशन लेने का मुकदमा दर्ज करवाया था। आरोपी फूलचंद यादव ने बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा 1986 में अनुत्तीर्ण रहने और बैक पेपर परीक्षा के उपरांत भी बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश लिया था। इसके लिए उन्होंने फर्जी अंक पत्र का सहारा लिया था।
इसी तरह बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी बीएससी द्वितीय वर्ष परीक्षा 1990 में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद बीएससी तृतीय वर्ष और कृपा निधान तिवारी ने प्रथम वर्ष 1989 में एलएलबी प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद छल-कपट कर एलएलबी द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर लिया। इसकी जानकारी होने के बाद इन तीनों के खिलाफ थाना राम जन्मभूमि में धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसकी सुनवाई लगातार चल रही थी और 29 साल बाद बीते 18 अक्टूबर 2021 अंक पत्र व बैक पेपर में कूटरचित दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी व हेराफेरी करने के मामले में विधायक के साथ ही छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व सपा नेता फूलचंद यादव और चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपा निधान तिवारी को भी कोर्ट ने दोषी माना और 5-5 साल की सजा और 13-13 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। सजा के बाद विधायक और 2 अन्य दोषियों को जेल भेज दिया गया था।