जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और रायबरेली में छापेमारी की गई है। इस मामले में शुक्रार को ही 190 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
2017 में यूपी की योगी सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की जांच का आदेश दिया था और इस मामले में न्यायिक आयोग का गठन किया था। जांच के दौरान पता चला था कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया था। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे। इस मामले में निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप हैं.