बसंत पंचमी के दिन से शुरुआत : होली उत्सव की शुरुआत कान्हा की नगरी मथुरा में बसंत पंचमी के दिन से शुरू हो जाती है और यह रंगोत्सव पर्व पूरे 40 दिनों तक हर्षोल्लास के साथ चलता है। ब्रज में बसंत पंचमी के दिन से मंदिर में होली का हांडा गाड़ा जाता है जिसके बाद ठाकुरजी के बाल स्वरूप को गुलाल का तिलक लगाकर विधिवत शुरू हो जाती है। मथुरा-वृंदावन के सभी मंदिरों में नाना प्रकार की होली का रंग देखने को मिलता है। कहीं लड्डूमार होली, लठ्ठमार होली, फूलों की होली, रंगों की होली, तो कहीं चप्पल मार होली के साथ फालैन की होली और छड़ी मार होली की छाप विश्वप्रसिद्ध है।
ALSO READ: 'भद्रा' उपरांत करें होलिका-दहन, जानें मुहूर्त और होली की विशेष साधनाएं और अनुष्ठान