अधिकारी के मुताबिक, दिग्विजय की जमीन की देखभाल करने वाले अनिल यादव ने जिलाधिकारी, उप-जिलाधिकारी और पुलिस के पास शुक्रवार को इस सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई। यादव ने कहा कि जब जमीन पर अवैध निर्माण शुरू हुआ, तब उसे मामले का पता चला।
उन्होंने बताया कि पहले यह जमीन दिग्विजय की मां अपर्णा कुमारी के नाम पर दर्ज थी, लेकिन 18 फरवरी 1986 को उनकी मौत के बाद दिग्विजय ने विरासत के लिए आवेदन किया और फिर 18 मई 2024 को जमीन उनके नाम पर पंजीकृत हो गई।
खरीदारों के परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को जमीन पर निर्माण शुरू कर दिया, जिसके बाद यादव ने शिकायत दर्ज कराई। अधिकारियों ने बताया कि तहसील प्रशासन ने निर्माण कार्य रोक दिया है और भूमि रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी गई है।