मथुरा। अक्सर यह कहते सुना जाता है कि संत अपनी इच्छाओं और क्रोध को पूरी तरह से अपने अंकुश में कर लेते हैं। लेकिन साधुओं के गुस्से और खूनखराबे की तस्वीरें मथुरा से आ रही हैं। यहां वृंदावन नगर मोती झील क्षेत्र में साधुओं के 2 गुट आश्रम पर कब्जे को लेकर भिड़ गए।
कब्जा लेने के लिए दोनों गुटों की तरफ से खूब लाठी-डंडे चले जिसके चलते आधा दर्जन से अधिक लोग चोटिल हुए हैं और उनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और कुछ साधुओं और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया है।
श्रीस्वामी भूमानंद सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित मोती झील स्थित श्रीभूरी वाला आश्रम पर 2 साधु अपने-अपने कब्जे की बात कहकर लड़ते रहते हैं। जिसके चलते कुछ समय पहले भी यहां विवाद हुआ था। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर 3 पुलिसकर्मियों को यहां तैनात कर दिया था लेकिन वे शुक्रवार को अपनी कहीं और ड्यूटी होने की बात कहकर आश्रम से चले गए। इसकी परिणिति दोनों साधुओं के गुटों के संघर्ष के रूप में सामने आई है।
मथुरा के वृंदावन इलाके में स्थित मोती झील श्रीभूरी वाला आश्रम पर कब्जे को लेकर और स्वामी कृष्णानंद गुट और महंत स्वामी दर्शानंद पहले भी आपस में भिड़ चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार रात में दोनों के बीच कहा-सुनी हुई थी। मौके पर पहुंचे डिप्टी एसपी सदर ने दोनों पक्षों को शांति भंग न करने की चेतावनी देते हुए समझा-बुझाकर मामला शांत कर दिया।
लेकिन शुक्रवार को दोनों पक्ष एक बार फिर से आक्रामक हो गए जिसके चलते खूब लाठी-डंडे दोनों तरफ से चले। आरोप है कि स्वामी कृष्णानंद पक्ष के लगभग 2 दर्जन से अधिक दबंगों ने आश्रम के वर्तमान महंत स्वामी दर्शानंद और उनके अनुयायियों पर दरवाजा तोड़कर हमला कर दिया।
आश्रम के खुले कैंपस और कमरों में चारों तरफ खून की बौछार हमले की गवाही दे रही है। इस खूनी संघर्ष में 9-10 लोग घायल हुए हैं, वहीं घायलों में स्वामी गौतमानंद, स्वामी दर्शनानंद, राज पांडेय, प्रांशु शर्मा की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हमले के बाद उपजे भय के कारण आश्रम में रहने वाली महिलाएं और बच्चे डरे-सहमे हुए हैं। पुलिस शिकायत के आधार पर कार्रवाई की बात कह रही है।