कानपुर देहात में बाढ़ का कहर, चारों तरफ पानी ही पानी, बाढ़ की चपेट में आए 30 गांव

अवनीश कुमार

शनिवार, 27 अगस्त 2022 (11:15 IST)
कानपुर देहात। कानपुर देहात में यमुना व सेंगुर नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद भोगनीपुर सिकंदरा तहसील में 30 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा है। सैकड़ों परिवार घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। सड़कों पर 15 से 20 फीट तक पानी भर जाने के चलते ग्रामीणों का सहारा लेते हुए नजर आ रहे हैं।
 
4 से 5 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर : कानपुर देहात में खतरे के निशान से सवा 4 मीटर ऊपर नदियों का पानी बह रहा है। यमुना का जलस्तर अब 4 से 5 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है और शुक्रवार देर रात तक यमुना 112.30 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान से सवा 4 मीटर ऊपर है और अभी जलस्तर और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचे की सलाह प्रशासन द्वारा दी जा रही है।

 
नावों का ही बचा सहारा: कानपुर देहात की भोगनीपुर व सिकंदरा तहसील के यमुना व सेंगुर नदी के आसपास के गांवों में मुख्य रूप से कुंभापुर, पड़ाव, भुंडा, नया पुरवा, आढ़न, पथार, मुसरिया, क्योंटरा, गौहानी बांगर, जैसलपुर, भुपइयापुर, महदेवा व बैजामऊ आदि गांव बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। यहां के हालात कुछ इस कदर हैं कि गांव में पानी ही पानी है तो रास्ते में 15 से 20 फुट तक पानी भरने से आवागमन के लिए अब सिर्फ नावों का सहारा ही बचा है। वहीं अब घबराकर ग्रामीण गांव से पलायन करना भी शुरू कर दिया है और सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं, जहां पर जिला प्रशासन द्वारा रहने-खाने इत्यादि की व्यवस्थाएं कराई गई हैं और बड़ी संख्या में लोगों ने छतों पर पॉलिथीन लगाकर डेरा डाल रखा है।
 
मुनादी कराने के दिए गए निर्देश: एडीएम प्रशासन केशव नाथ गुप्ता ने यमुना-सेंगुर तटवर्ती बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर एसडीएम भेागनीपुर को राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने अभी और पानी बढ़ने का अलर्ट जारी करते हुए अफसरों को बाढ़ प्रभावित गांवों में मुनादी कराने व लाउडस्पीकर से एनाउंस कराकर लोगों को बाढ़ की सूचना देने तथा शिविरों में खाना, पानी, चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही बाढ़ चौकियों में 24 घंटे क्रियाशील रखने व एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार को रात में वहीं विश्राम करने का भी निर्देश दिया।

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