मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के गुलौरी गांव में एक कुएं में भारी मात्रा में फेंकी गई सरकारी दवाएं मिलने से हड़कंप मच गया। मऊ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शनिवार को रतनपुरा खंड विकास क्षेत्र के हलधरपुर थाना क्षेत्र के गुलौरी गांव के एक कुएं में भारी मात्रा में फेंकी गई जीवन रक्षक दवाएं मिली थीं। मामले की जानकारी मिलने के बाद जिले के सीएमओ ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
कुएं के मालिक अरुणेंद्र ने बताया कि वह अपने खेतों में गेहूं की बुवाई की तैयारी के लिए पहुंचे थे, तभी उन्होंने वहां से एक डीसीएम (छोटा ट्रक) को जाते हुए देखा। अरुणेंद्र ने अंदेशा जताया कि डीसीएम से आए लोग ही कुएं में दवाएं फेंक गए थे।
उन्होंने बताया कि डीसीएम के पहियों के निशान खेत में अंदर की तरफ तक मिले हैं, जिसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है। बताया जा रहा है कि कुएं में मिली दवाओं में से ज्यादातर के इस्तेमाल की अवधि 2023 में समाप्त होने वाली थी। मामले की जानकारी मिलते ही खेत में ग्रामीणों की भीड़ लग गई।
गांव निवासी राजीव कुमार मिश्रा ने कहा कि जब हम अपने क्षेत्र के एक खेत में स्थित कुएं में सरकारी दवाएं मिलने की सूचना पाकर वहां पहुंचे तो हमने पाया कि कुएं में फेंकी गई ज्यादातर दवाओं के इस्तेमाल की अवधि 2023 में समाप्त होने वाली थी।
मिश्रा ने दावा किया कि यह बहुत ही बड़ी प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि इसमें लिप्त व्यक्ति के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीं, मऊ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेश अग्रवाल ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर एक टीम गठित कर स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था, लेकिन कुएं की गहराई ज्यादा होने के कारण दवा निकालने में दिक्कत आई।
उन्होंने कहा कि रविवार को एक टीम पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंचेगी और दवाओं को निकालकर यह पता लगाएगी कि इन्हें किस स्वास्थ्य केंद्र के लिए आवंटित किया गया था। मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।