पर्यटकों को जंगल घुमाने वाली कोई भी जिप्सी नजर में रहेगी। योजना के तहत सभी जिप्सी अब जीपीएस डिवाइस से लैस रहेंगी। प्रत्येक पर एफडी और डीडी की नजर रहेगी। जीपीएस सिस्टम का कंट्रोल रूम डिबीजन पर बनाया गया है,साथ ही अधिकारियों ने डिवाइस को लेकर अपने अपने मोबाइल पर एक एप भी लोड किया है।
पिछले पयर्टन सत्र में शिकायत आई थी कि कई गाइडों ने नियमों को अनदेखा कर पर्यटकों को बाघ दिखाने का लालच देकर भ्रमित किया था। इसबार पयर्टन सत्र आरंभ होने से पहले ही चालक और गाइडों को गाइड लाइन जारी कर लापरवाही और नियम विरुद्ध काम करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। अब ये दूसरा और विश्वसनीय तरीका निकाला गया है।
नवीन खंडेलवाल, डीडी पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने बताया कि सभी 21 गाड़ियों को जीपीएस डिवाइस से लैस किया जाएगा। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि अधिकारियों को सूचना मिलती है कि कुछ लोग तय रूट से अलग हटकर सैलानियों को भ्रमण कराते हैं। इससे उनकी जान को खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में वन्यजीव और सैलानियों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है।