कानपुर देहात। कानपुर देहात के मड़ौली गांव में अवैध कब्जा हटाने के दौरान जिंदा जलकर मौत हुई मां-बेटी के शव गांव पहुंचे। शव के पहुंचते ही गांव में सन्नाटा पसर गया। परिवार व ग्रामीणों ने नम आंखों के साथ मां-बेटी को अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई के दौरान पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीए मूर्ति ने शव को कंधा देते हुए एम्बुलेंस में रखवाया और कानपुर के बिठूर घाट के लिए रवाना हो गए। बिठूर घाट पहुंचने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया गया है।
भाई बोला टूट गए सपने : कानपुर देहात के मड़ौली गांव में जैसे ही प्रमिला व नेहा दीक्षित के शव पहुंचे, गांव में मातम पसर गया। भाई शिवम बदहवास होकर गिर पड़ा। ग्रामीणों ने शिवम को समझाने का प्रयास किया तो वह कहने लगा कि 'सारे सपने टूट गए। जहां बहन की डोली उठानी थी, वहां आज उसकी अर्थी उठा रहे हैं'।
शिवम की यह बात सुन मौके पर मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं। ग्रामीणों के काफी समझाने के बाद सारे रीति-रिवाज को पूरा करते हुए परिवार, मां-बेटी के शव को लेकर बिठूर घाट के लिए निकल गया और घाट पहुंचकर परिवार ने मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया।
अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई थी घटना : कानपुर देहात मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। इस दौरान जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया। इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (18) की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे।
वही पुलिस ने परिवार की तहरीर के आधार पर एसडीएम, लेखपाल व थाना प्रभारी सहित 39 लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जेसीबी चालक दीपक व लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और तत्कालीन मैथा एसडीएम को हिरासत में ले लिया है।