आंकड़ों के अनुसार कौशांबी, कुशीनगर और देवरिया में लंबी अवधि के औसत की तुलना में लगभग 70 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है, वहीं संत कबीर नगर, पीलीभीत, मिर्जापुर, श्रावस्ती, चंदौली, बस्ती और कुछ अन्य जिलों में लंबी अवधि के औसत से बहुत कम बारिश हुई है।
बारिश की कमी से धान और मक्के की रोपाई की तैयारी कर रहे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मेन्थॉल एक और फसल है जिसे कम बारिश के कारण नुकसान होने की आशंका है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून के इस मौसम में उत्तरप्रदेश के 18 जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई है जबकि 17 जिलों में इस अवधि में औसत से अधिक पानी बरसा है।(भाषा)