हाथरस गैंगरेप : हाईकोर्ट ने DGP, ADG, DM और SP को भेजा नोटिस, 12 अक्टूबर तक मांगा जवाब

Webdunia
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2020 (22:05 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के हाथरस कांड (Hathras gang rape) में इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तरप्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों को नोटिस जारी किए। कोर्ट ने इस मामले में 12 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। खबरों के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस घटना का संज्ञान लेते हुए मामले में 12 अक्टूबर तक ACS होम, DGP, ADG लॉ एंड ऑर्डर, हाथरस DM और SP से जवाब मांगा है। 
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पुलिस की कार्रवाई से गुस्सा : अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख और भाजपा सांसद किरीट सोलंकी ने को कहा कि हाथरस कांड की दलित पीड़िता का अंतिम संस्कार देर रात में किए जाने के बाद पुलिस की कार्रवाई से लोगों में गुस्सा है और उत्तरप्रदेश पुलिस को अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार होना चाहिए।

हाथरस कांड को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए सोलंकी ने कहा कि वह घटना की कड़ी निंदा करते हैं और मामले में दुष्कर्म के आरोप सिद्ध होने पर दोषियों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समिति इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लेगी और समिति के सदस्यों के साथ इस बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा कि इस मुद्दे को किस तरह लिया जाए। 
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मुख्यमंत्री को लिखा पत्र : सत्तारूढ़ भाजपा के एक और दलित सांसद हंसराज हंस ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की अगुवाई वाली योगी आदित्यनाथ सरकार को हाथरस कांड की पीड़िता के जल्दबाजी में अंतिम संस्कार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को लिखे पत्र में हंस ने अनुरोध किया है कि उनकी सरकार को पीड़िता को न्याय दिलाना चाहिए और भविष्य में किसी के अंदर इस तरह का कृत्य करने का दुस्साहस नहीं होना चाहिए।
 
जंगलराज होने का लगाया आरोप : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को पुलिस ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने से रोक दिया और हिरासत में ले लिया जिसके बाद दोनों नेताओं ने प्रदेश में ‘जंगलराज’ होने का आरोप लगाया और कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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दूसरी तरफ, कांग्रेस ने दावा किया कि राहुल और प्रियंका को उप्र की पुलिस ने गिरफ्तार किया। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से दावा किया कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
 
सूत्रों का कहना कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के काफिले को पहले ग्रेटर नोएडा में परी चौक के निकट रोक दिया गया जिसके बाद वे पैदल ही हाथरस के लिए निकल गए। कुछ देर बाद पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे पर इन्हें हिरासत में ले लिया। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पुलिस राहुल, प्रियंका और अन्य वरिष्ठ नेताओं को पुलिस जीप में एक गेस्ट हाउस में ले गई और फिर उन्हें छोड़ दिया गया। इसके बाद वे पुलिस के सुरक्षा घेरे में वापस दिल्ली रवाना हो गए।
 
नहीं हुआ बलात्कार : अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि दिल्ली के एक अस्पताल के मुताबिक दलित युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वारदात के बाद युवती ने पुलिस को दिए गए अपने बयान में भी अपने साथ बलात्कार होने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि उसने सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था। (इनपुट भाषा)

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