Ground Report : मौलाना कलीम सिद्दीकी का शिक्षा से लेकर हवाला तक कनेक्शन

हिमा अग्रवाल

शुक्रवार, 24 सितम्बर 2021 (11:58 IST)
मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी को धर्मांतरण के आरोप के चलते UP ATS ने गिरफ्तार कर लिया है। सिद्दीकी मुजफ्फरनगर जिले के फुलत गांव में जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के डायरेक्टर है, और उन पर धर्मपरिवर्तन करवाने के लिए विदशों से हवाला के माध्यम से लगभग 3.5 करोड़ की फंडिंग और हेट स्पीच का आरोप लगा है, जिसके चलते मेरठ से उनकी UP ATS ने दो दिन पहले गिरफ्तारी की है। इस पूरे प्रकरण पर फुलत गांव से वेबदुनिया की विशेष रिपोर्ट...
 
फुलत गांव के ग्रामीणों के गले फंडिंग की बात उतर नही पर पा रही है कि मौलाना विदेशों से पैसा लेकर धर्मांतरण करवा रहे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि इमदाद के पैसों से मदरसों के बच्चों को तालीम दी जा रही है, सरकार का आरोप निराधार है की विदेशों से मोटी रकम लेकर धर्मांतरण किया जा रहा है।
 
वहीं गिरफ्तारी के बाद हिंदू विश्व परिषद के सदस्य बेहद खुश हैं और उनका कहना है कि, हम तो प्रशासन और शासन को बहुत पहले से आगाह कर रहे थे की विदेशों से पैसा आ रहा है। इसके चलते मदरसों में ब्रेनवॉश करके धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। हमने कई हिंदूओं को उनके घर भी वापसी करवाई थी, मौलाना की गिरफ्तारी ने यह सिद्ध कर दिया है कि विदेशों के पैसे से धर्मांतरण हो रहा है।
 
देश की राजधानी दिल्ली से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर मुजफ्फरनगर जिले के फुलत गांव स्थित मुस्लिम तालीम का शिक्षा केन्द्र आज सुनसान पड़ा है, क्योंकि जमीयत-ए-वलीउल्लाह और ग्लोबल पीस सेंटर के प्रेसिडेंट कलीम सिद्दीकी पर अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने और हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग पाने के बेहद गंभीर आरोप लगे हैं।
 
मौलाना कलीम पर हवाला से 3 करोड़ रुपए अवैध फंडिंग लाने का पुलिस ने खुलासा किया है, जिसमें अकेले डेढ़ करोड़ तो बहरीन से लाए गए हैं और बाकी पैसों की जांच चल रही है कि ये कहां से आए हैं।
 
मौलाना कलीम सिद्दीकी का देश में बड़ा नाम है और इनकी मजहबी तकरीरों की तारीफें चारों तरफ होती हैं, देश के लिए मोहब्बत का पैगाम जुबान से चाशनी की तरह टपकता है। कुछ दिन पहले ही मुंबई में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा किया।
 
कलीम मुस्लिम समाज में पढ़े लिखे होने के कारण भी एक अलग पहचान बनायें हुए है, इन्होंने मेरठ से बीएससी की डिग्री ली हुई है। मुजफ्फरनगर जनपद के फुलत गांव में मौलाना कलीम का जन्म 1958 में हुआ था, इनके पिता मोहम्मद अमीन किसान थे और वह आसपास के गांवों में मुस्लिमों को जागरूक करने के लिए धार्मिक शिक्षा का प्रसार-प्रचार भी करते थे। वह गांव में पुराने मदरसे फैजुल इस्लाम में भी आते-जाते थे।
 
पिता के साथ रहते हुए मौलाना कलीम ने अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर मुस्लिम समाज में शिक्षा प्रसार के लिए अपने पिता के साथ 1980 के दशक में पुराने मदरसे में जाने लगे। सन 1990 में उन्होंने एक नए मदरसे की नींव रखी थी। आज उनकी उम्र लगभग 63 साल की हो चुकी है और वह जिहादी तबीयत के हो गए हैं। मौलाना का मानना है कि हर दिन एक लाख 24 हजार लोग नरक की आग में जा रहे हैं, इसलिए मुसलमान बन जाओ और जन्नत पाओ।
 
दिल्ली-हरिद्वार हाईवे से आते जाते समय खतौली तहसील बाईपास से सटा एक मुस्लिम बाहुल्य फुलत गांव है, इस गांव की आबादी 7500 सौ है, और 72 प्रतिशत लोग मुस्लिम बिरादरी के है। जबकि 24 प्रतिशत में दलित व अन्य बिरादरी हैं। इस गांव में दाखिल होते ही दूर से एक मदरसा और मस्जिद दिखाई पड़ती हैं। गांव के बाहर से ईंख के बड़े खेत नजर आयेंगे और यहीं से जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया का एक बड़ा सा बोर्ड और दूसरी तरफ बोर्ड दारूल उलूम राहीमिया नजर आता है।
 
गांव में बाहर की उल्टे हाथ पर एक लंबा- चौड़ा भाग ऊंचा मदरसा दिखाई देता है।, इसी मदरसे में मस्जिद के साथ मेहमानखाना भी है। गांव के अंदर महिलाएं के द्वारा कपड़ों की बुनाई का काम किया जाता है। 
 
फुलत गांव के इस मदरसे के आसपास के लोगों से जब हमने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मना कर दिया। गांव के लोग डरे और सहमे हुए है। उनका कहना है कि इस सरकार से हमें बोलने से डर लगता है, और आप तो मीडिया से है क्या लिख दे और दिखा दें।
 
बामुश्किल वहां के कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बात करने को तैयार हुए। गांव के 45 वर्षीय एक मौलाना ने कहा कि हम समझ रहे हैं की यह सरकार किसकी है? हमें मौलाना कलीम के विदेशी फंडिंग और अवैध धर्मांतरण की तो बात सुनने को आ रही हैं, लेकिन राम मंदिर के लिए भी तो हिंदू राष्ट्रों से पैसा आ रहा है, लेकिन उस पर किसी को आपत्ति नही है। मुस्लिम बच्चों की तालीम और मदरसे के लिए पैसा आ रहा है तो गलत है। हमारे मौलाना कलीम ने पूरे देश में मजहबी प्रचार किया।
 
फुलत गांव का एक शख्स ने कहा कि मौलाना अलीम हमारे धर्मगुरू है और गांव में उनका एक पुस्तैनी मकान है। यह 4 भाई हैं, वही मौलाना कलीम ने 15 साल पहले दिल्ली के शाहीन बाग में अपना घर बना लिया है और वह यहां आते-जाते रहते है। मौलाना कलीम के परिवार में 58 वर्षीय बेगम मुनीरा, 2 बेटे अहमद और असजद के अलावा 2 बेटी आसमां व मसमां हैं। मौलाना कलीम के बेटों व बेटियों के निकाह हो चुके हैं।
 
मौलाना कलीम खुद मदरसे के डायरेक्टर हैं और उनके एक भाई गांव में विजन इंटरनेशल एकेडमी चला रहे हैं।
मौलाना के पैतृक घर का काफी देर तक दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन कोई हलचल दिखाई नही दी। स्थानीय लोगों ने कहा कि घर के अंदर सिर्फ महिलाएं है, उन्हें परेशान न करें।
 
घर के आदमी लोग गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही लखनऊ रवाना हो गये थे। बहुत कोशिश के बाद घर के बाहर से वापस लौटना पड़ा। 
 
गांव के बाहर एक नवयुवक से पूछा कि फुलत गांव के प्रधान कहा है, तो उसने कहा कि मीडिया परेशान कर रही है, जिसके चलते वह गांव से बाहर चले हैं। गांव के लोगों को मदरसे और मौलाना कलीम काफी टटोलने की कोशिश की, लेकिन सबका मिलता जुलता जबाव था कि यह मदरसा देवबंद के बाद तालीम का दूसरा बड़ा केंद्र है। इस मदरसे और मस्जिद का निर्माण चंदे के पैसे से हुआ हैं।
 
3 साल में यह मदरसा बनकर तैयार हुआ। मौलाना कलीम ने उसका नाम जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया रखा। इस मदरसे के माध्यम से मौलाना कलीम को देशभर में मजहबी शिक्षा का स्कॉलर  बनाया है। यहां से पढ़ने वाले 350 विद्यार्थी यूपी, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, पश्चिम बंगाल, बिहार समेत दूसरे राज्यों के है। यहां रहने के लिए हॉस्टल, मेहमानों के लिए मदरसे के एक भाग में मेहमानखाना है।
 
1990 के दशक में यह मदरसा 55 बीघा जमीन पर फैला था। लेकिन अब मौजूदा समय में ऊंची इमारतें, आम का बाग, मस्जिद समेत यहां 200 से अधिक बीघा जमीन है। मुस्लिम बच्चों की तालीम के लिए 40 से अधिक शिक्षक हैं। मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद यहां शिमा पाने के लिए बच्चे नहीं आए। वहीं इस मदरसे से महिलाओं व युवतियों को दूर रखा गया है, क्योंकि मुस्लिम मजहब उन्हें इसकी आजादी नही देता है।
 
फुलत गांव के युवक ने प्रश्न करते हुए कहा कि यदि हमारे धर्म में बच्चों को पढ़ाने के लिए विदेशों से मदरसों के लिए पैसा आ रहा है तो इसमें यह गलत क्या है। हमने भी चंदा जुटाया है। मौलाना कलीम साहब ने पूरे देश में मजहबी शिक्षा का प्रचार किया, हमारे प्रधानमंत्री भी तो पाकिस्तान गए थे। एटीएस या पुलिस हवाला से पैसे और धर्मांतरण की बात बोल रही है, उसकी सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए।
 
मौलाना कलीम पर अवैध रूप से 5 लाख लोगों के धर्मांतरण की बात कही जा रही है। लोगों का कहना है कि सबसे ज्यादा धर्मांतरण पश्चिम उत्तर प्रदेश में करायें गये है, धर्मपरिवर्तन करने वाले नौजवान है, जो प्रेमी युगल साथ रहना चाहते है, लेकिन लड़कियों के परिवार से इजाजत नहीं मिलती, जिसके चलते वो ऐसे मौलाना के चंगुल में फंस जाते है और धर्मांतरण कर बैठते है। मौलाना कलीम की गिरफ्तारी से हिंदू संगठनों की बात को बल मिलता है कि मदरसों में पढ़ाने की जगह कट्टरता पैदा हो रही है और धर्मांतरण किया जा रहा है।

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