Hathras stampade chargesheet: बसपा प्रमुख मायावती ने हाथरस भगदड़ केस में चार्जशीट पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सेवादार दोषी है तो भोले बाबा क्यों नहीं?
मायावती ने कहा कि यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ कांड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति है। इससे साबित होता है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है।
उन्होंने कहा कि मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2,300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, किन्तु बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित है? उन्होंने सवाल किया कि ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव होगा? इससे आमजन चिन्तित है।
उल्लेखनीय है कि हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में 2 जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में ही भगदड़ मचने से 121 लोगों ने जान गंवाई थी। जांच में सामने आया था कि 80 हजार का बोलकर ढाई लाख लोगों की जुटाई गई थी। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ैते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह को आरोपी बनाया है।
भगदड़ हादसे के मामले में दर्ज FIR में भी भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का नाम नहीं था। अब चार्जशीट में भी सूरजपाल का नाम नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। चार्जशीट पर अदालत में 4 अक्टूबर को सुनवाई होगी।