मेरठ में आजादी की गाथा देखकर CM योगी की आंखें हुईं नम, बोले- धर्म-जाति, मजहब के आधार पर बांटने वालों को करना होगा बेनकाब
मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजादी के प्रथम संग्राम का बिगुल बजाने वाले क्रांति की धरा मेरठ में पहुंचे। यहां उन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी धनसिंह कोतवाल की प्रतिमा का अनावरण किया। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की आंखें उस समय नम हो गईं जब वे लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से 10 मई 1857 को हुई क्रांति की गाथा के चलचित्र को देख रहे थे। मुख्यमंत्री क्रांति गाथा को देखने में खो गए, लेकिन इस दौरान उनके चेहरे के भाव को आसानी से पढ़ा जा सकता था।
इसके बाद शिलापट्ट पर लिखे आजादी के 85 परवानों के नाम को नमन किया। उन्होंने भारत में आजादी की चिंगारी कैसे प्रज्वलित हुई, मेरठ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी कैसे भड़की और आसपास के जिलों में कैसे पहुंची, लगभग 20 मिनट की लाइट एंड साउंड डाक्यूमेंट्री देखी। इस चलचित्र गाथा में भारतीय सैनिकों ने कैसे चर्बी लगे कारतूस का इस्तेमाल करने से मना किया, अंग्रेजों ने सैनिकों को कैसी यातनाएं दीं। महिलाओं को घर के पुरुषों से कहना- चूड़ी पहन लो और घर में बैठ जाओं की धिक्कार कैसे आजादी की तरफ बढ़ गई। मंगलपांडे और धनपत सिंह गुर्जर का आजादी का सपना और अंग्रेजी हकुमत जुल्म देखते हुए योगी जी भावुक हो गए और अपने रूमाल से आंसू पोंछते नजर आए।
मेरठ पहुंचे योगी ने विक्टोरिया पार्क के मैदान में आजादी की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों का सम्मान किया। वे अपने भाषण में बोले कि जो लोग समाज में विभाजन पैदा करना चाहते है, जाति, मजहब, क्षेत्र और भाषा के आधार पर बांटना चाहते है, हमें उन्हें बेनकाब करना होगा। जो लोग हमें गुलामी के कालखंड की ओर धकेलने की कुत्सित चेष्टा कर रहे हैं, उनसे सावधान रहने की जरूरत है।