Sambhal Violence: संभल हिंसा, SP नेता का आरोप- बरामद हथियारों से गोली चलाती है UP पुलिस

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 26 नवंबर 2024 (19:22 IST)
Sambhal Violence: उत्तरप्रदेश के संभल (Sambhal) में बीते रविवार को शाही जामा मस्जिद (Jama Masjid) के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। साथ पुलिस ने कहा है कि पुलिस की तरफ से सिर्फ टीयर गैस, रबर बुलेट और रायट गन का इस्तेमाल किया गया था।
 
शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली के उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस की ओर से फायरिंग की गई थी। समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय ने उत्तरप्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।ALSO READ: संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई
 
निजी और बरामद असलहों से गोली : समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय ने उत्तरप्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पांडेय ने कहा कि फंसने से बचने के लिए पुलिस निजी और बरामद असलहों से गोली चलाती है।ALSO READ: संभल हिंसा : SP बोले अपने नेताओं के चक्कर में भविष्य बरबाद मत करो
 
संभल की हिंसा के शिकार युवकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होने यहां पत्रकारों से कहा कि संभल में पुलिस की गोली से 4 युवाओं की मौत हुई। पुलिस 2 तरह के असलहे रखती है। फंसने से बचने के लिए निजी और बरामद असलहों से गोली चलाती है।
 
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पाण्डेय ने कहा कि भाजपा सरकार साम्प्रदायिक भावना से काम कर रही है। इस सरकार का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। भाजपा की सरकार पूरे उत्तर भारत में साम्प्रदायिकता फैला रही है। उन्होंने कहा कि सपा, संभल और बहराइच मामलों को विधानसभा में उठाएगी, भाजपा सरकार को बेनकाब करेगी।
 
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रतिनिधिमंडल आज संभल घटना की सच्चाई की जांच और पीड़ित परिवारों से शोक-संवेदना प्रकट करने जा रहा था लेकिन पुलिस ने जाने की अनुमति नहीं दी। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अगले कदम का स्वयं निर्णय करेंगे। भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए सपा सांसद पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया है जबकि उस दिन सांसद संभल में नहीं थे।ALSO READ: संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत
 
नेता विरोधी दल ने कहा कि भाजपा संविधान विरोधी काम कर रही है। भाजपा सरकार संविधान नहीं मानती है। देश जानता है कि 1991 में संसद ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट यानी कि पूजा स्थल कानून पारित किया है। इसमें स्पेशल प्रोविजन के तहत बनाया गया। इस कानून के मुताबिक 15 अगस्त 1947 से पहले भारत में जिस भी धर्म का जो पूजा स्थल था, उसे किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता है। अगर कोई ऐसा करने का प्रयास करता है तो उसे 3 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इस कानून में यह भी प्रावधान है कि दूसरे धर्म के कब्जे का सबूत मिलने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
 
पाण्डेय ने कहा कि 19 नवंबर 2024 को एक याचिका पर कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना संभल में जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया। उसके बाद भी जामा मस्जिद कमेटी और सबने मिलकर शांतिपूर्ण ढंग से सर्वे कराने में पूरा सहयोग दिया। जब एक बार सर्वे का काम पूरा हो गया तो दोबारा सर्वे की क्या जरूरत पड़ी?ALSO READ: संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश
 
उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम से साबित होता है कि संभल में प्रशासन की मंशा ठीक नहीं थी और जान-बूझकर घटना कराई गई। भाजपा सरकार नफरत की भावना से काम कर रही है। भाजपा सरकार जानबूझकर प्रदेश में बवाल करा रही है। भाजपा सरकार की मानसिकता साम्प्रदायिकता फैलाने और देश को अधिनायकवादी व्यवस्था में बदलने की है।(इनपुट एजेंसियां)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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