Sambhal Violence: उत्तरप्रदेश के संभल (Sambhal) में बीते रविवार को शाही जामा मस्जिद (Jama Masjid) के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। साथ पुलिस ने कहा है कि पुलिस की तरफ से सिर्फ टीयर गैस, रबर बुलेट और रायट गन का इस्तेमाल किया गया था।
शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली के उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस की ओर से फायरिंग की गई थी। समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय ने उत्तरप्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।ALSO READ: संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई
निजी और बरामद असलहों से गोली : समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय ने उत्तरप्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पांडेय ने कहा कि फंसने से बचने के लिए पुलिस निजी और बरामद असलहों से गोली चलाती है।ALSO READ: संभल हिंसा : SP बोले अपने नेताओं के चक्कर में भविष्य बरबाद मत करो
संभल की हिंसा के शिकार युवकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होने यहां पत्रकारों से कहा कि संभल में पुलिस की गोली से 4 युवाओं की मौत हुई। पुलिस 2 तरह के असलहे रखती है। फंसने से बचने के लिए निजी और बरामद असलहों से गोली चलाती है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पाण्डेय ने कहा कि भाजपा सरकार साम्प्रदायिक भावना से काम कर रही है। इस सरकार का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। भाजपा की सरकार पूरे उत्तर भारत में साम्प्रदायिकता फैला रही है। उन्होंने कहा कि सपा, संभल और बहराइच मामलों को विधानसभा में उठाएगी, भाजपा सरकार को बेनकाब करेगी।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रतिनिधिमंडल आज संभल घटना की सच्चाई की जांच और पीड़ित परिवारों से शोक-संवेदना प्रकट करने जा रहा था लेकिन पुलिस ने जाने की अनुमति नहीं दी। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अगले कदम का स्वयं निर्णय करेंगे। भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए सपा सांसद पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया है जबकि उस दिन सांसद संभल में नहीं थे।ALSO READ: संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत
नेता विरोधी दल ने कहा कि भाजपा संविधान विरोधी काम कर रही है। भाजपा सरकार संविधान नहीं मानती है। देश जानता है कि 1991 में संसद ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट यानी कि पूजा स्थल कानून पारित किया है। इसमें स्पेशल प्रोविजन के तहत बनाया गया। इस कानून के मुताबिक 15 अगस्त 1947 से पहले भारत में जिस भी धर्म का जो पूजा स्थल था, उसे किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता है। अगर कोई ऐसा करने का प्रयास करता है तो उसे 3 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इस कानून में यह भी प्रावधान है कि दूसरे धर्म के कब्जे का सबूत मिलने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
पाण्डेय ने कहा कि 19 नवंबर 2024 को एक याचिका पर कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना संभल में जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया। उसके बाद भी जामा मस्जिद कमेटी और सबने मिलकर शांतिपूर्ण ढंग से सर्वे कराने में पूरा सहयोग दिया। जब एक बार सर्वे का काम पूरा हो गया तो दोबारा सर्वे की क्या जरूरत पड़ी?ALSO READ: संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश
उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम से साबित होता है कि संभल में प्रशासन की मंशा ठीक नहीं थी और जान-बूझकर घटना कराई गई। भाजपा सरकार नफरत की भावना से काम कर रही है। भाजपा सरकार जानबूझकर प्रदेश में बवाल करा रही है। भाजपा सरकार की मानसिकता साम्प्रदायिकता फैलाने और देश को अधिनायकवादी व्यवस्था में बदलने की है।
कैसे हैं संभल के हालात : उत्तर प्रदेश के संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के दो दिन बाद मंगलवार को जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। स्कूल फिर से खुल गए हैं और रोजमर्रा की जरूरत की चीजें बेचने वाली कई दुकानें फिर से खुल गई हैं।
हालांकि, संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
जिला सूचना अधिकारी बृजेश कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार संभल तहसील में बुधवार शाम चार बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
संभल नगर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। इस बीच, हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के सदस्यों ने एकता का आह्वान किया है और सांप्रदायिक सद्भाव के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया है।
सोमवार को संभल में बाजार बंद थे लेकिन कई इलाकों में दुकानें खुली देखी गईं। आज सुबह भी स्थिति सामान्य नजर आई। आज स्कूल भी खुले हैं और सुबह सुबह रोजमर्रा की जरूरतों की दुकान खुली नजर आईं, लेकिन जिले में इंटरनेट सेवा आज भी बंद है जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी महसूस हो रही है।
हिंसा के बाद उपजे हालात को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। प्रमुख चौराहों पर कर्मियों को तैनात किया गया है और संवेदनशील इलाकों में रैपिड एक्शन फोर्स (आएएफ) के कर्मी तैनात हैं।
प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के संभल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जिले के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को स्थिति शांत दिखाई दी, लेकिन शहर के कोट पूर्वी मोहल्ले में शाही जामा मस्जिद के आसपास का इलाका सुनसान रहा।
संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गयी और करीब 25 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने इस संबंध में सोमवार को 25 लोगों को गिरफ्तार किया था।
मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा, "संभल में स्थिति सामान्य है और दुकानें खुली हैं। जिस इलाके में हिंसा भड़की थी, वहां कुछ दुकानें बंद हैं, लेकिन बाकी जगहों पर दुकानें खुली हैं और कहीं कोई तनाव नहीं है।''
सिंह ने कहा, ''सुरक्षा बल तैनात हैं और स्थिति नियंत्रण में है, रोजमर्रा की दिनचर्या सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रही है।"
उन्होंने कहा, "क्षेत्रीय सांसद और स्थानीय विधायक के बेटे पर भी भीड़ को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।"
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी ने कहा कि पुलिस अपनी ड्यूटी पर है और मंगलवार को संभल में कहीं से भी कोई अप्रिय खबर नहीं आई।
उन्होंने कहा, "सामान्य स्थिति बहाल हो रही है, दुकानें खुल रही हैं, कोई समस्या नहीं है।"
शांति कमेटी के सदस्य और अखिल भारतीय व्यापार मंडल के नेता हाजी एहतेशाम ने कहा कि यह सब बाहर के लोगों द्वारा किया गया है और जो भी हुआ बहुत गलत हुआ है।
एहतेशाम ने कहा ''हम सब इन सब बातों को भूलकर एक बार फिर शांति की राह पर लौटेंगे।''
वहीं, सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य शिव शंकर शर्मा ने कहा, ''इस तरह की घटना से माहौल खराब होता है। संभल में सभी लोग आपस में मेल जोल करके फिर सांप्रदायिक सौहार्द बनाएंगे।''
व्यापारी दीपक कुमार ने कहा कि यहां तो शुरू से अमन चैन रहा है, पता नहीं उस दिन ऐसा क्या हुआ जो इतना बड़ा बवाल हुआ। इन सबसे आर्थिक नुकसान भी होता है।
कुमार ने कहा, ''अब स्थिति सामान्य है, मैंने दुकान भी खोली है और जल्द ही फिर संभल पहले जैसा हो जाएगा। मेरे भी कई दोस्त मुस्लिम समुदाय से हैं और भाईचार को आगे बढायेंगे।''
भाजपा की वार्ड 18 की सभासद चंचल वर्मा ने कहा कि इस झगड़े से गरीब तबके का बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन एक बार फिर हम सब संभल को और आगे बढ़ाएंगे। हिन्दू मुस्लिम एकता फिर एक मिसाल बनेगी।
अधिकारियों के मुताबिक, हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पार्टी के स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल और 2,750 अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।
इस बीच, सोहेल इकबाल ने कहा कि वह हिंसा स्थल पर मौजूद नहीं थे और उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया।
इकबाल ने पीटीआई-वीडियो से कहा, "मैंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे संभल में शांति भंग हो। हम प्यार फैलाने और लोगों की सेवा करने में विश्वास करते हैं। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। मेरा नाम इसमें शामिल किया गया है, जबकि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही मैंने कोई नफरत भरा भाषण दिया है।"(इनपुट एजेंसियां) Edited by: Ravindra Gupta