लखनऊ। कानपुर में हुए बवाल ने खुफिया एजेंसी एलआईयू व पुलिस की सतर्कता की पोल खोलकर रख दी है और पुलिस व खुफिया एजेंसी एलआईयू की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है। क्षेत्रीय प्रत्यक्षदर्शी व सूत्र बताते हैं कि कानपुर के बेकनगंज में जो बवाल हुआ, उसकी पटकथा 3 दिन से लिखी जा रही थी जिसके चलते नई सड़क, पेंचबाग, चमनगंज, बेकनगंज और उससे सटे इलाकों में बंदी व प्रदर्शन को लेकर जगह-जगह पोस्टर लगाए जा रहे थे और आम लोगों को भड़़काने का काम किया जा रहा था।
बाजार बंदी का ऐलान करने के बाद एक पक्ष के बहुसंख्यक वाले इलाकों में लोगों ने पर्चे भी बांटना शुरू कर दिया था। लेकिन स्थानीय खुफिया विभाग एलआईयू व पुलिस जानकर भी अनजान बनी हुई थी। पुलिस भी इस कदर निश्चिंत थी कि जब बवाल शुरू हुआ तो सद्भावना पुलिस चौकी पर 1 एसीपी, इंस्पेक्टर और 8-10 सिपाही ही मौजूद थे, जो हजारों की भीड़़ कंट्रोल करने में पूरी तरह नाकाम रहे और भीड़़ हिंसक होती चली गई।
क्षेत्रीय लोगों ने मानी पुलिस की चूक : कानपुर के बेगमगंज की नई सड़क पर हुए बवाल को लेकर क्षेत्रीय लोगों की मानें तो प्रदर्शन व बंदी की तैयारी काफी दिनों से चल रही थी। जगह-जगह पर पोस्टर लगाए गए थे लेकिन फिर भी पुलिस और खुफिया एजेंसी एलआईयू हाथ पर हाथ धरे बैठी थी। क्षेत्रीय लोग तो बताते हैं कि कई बार पोस्टर की फोटो तक सोशल मीडिया पर वायरल हुई लेकिन फिर भी पुलिस अनजान बनी बैठी रही।