कानपुर के उपद्रवियों की संपत्ति जब्त और ध्वस्त होगी, बरेली में भी सुनाई दी खतरे की घंटी
शुक्रवार, 3 जून 2022 (23:10 IST)
कानपुर/लखनऊ। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने के प्रयास के दौरान 2 समुदायों के लोगों के द्वारा एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके जाने के बाद यहां के कुछ इलाकों में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अभी तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। कानपुर के परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाके में हिंसा हुई है। दूसरी ओर, बरेली नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बरेली में मुस्लिम समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही अगले जुमे (शुक्रवार) को सड़क पर उतरने की चेतावनी दी।
ध्वस्त होगी संपत्ति : उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में बताया कि कानपुर में उपद्रव करने वालों की पहचान की जा रही है। पुलिस के पास पर्याप्त सीसीटीवी फुटेज हैं और आगे की कार्रवाई में उसकी मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के साथ-साथ इसकी साजिश करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति को जब्त या ध्वस्त कराया जाएगा।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा हाल ही में टीवी पर चर्चा के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के विरोध में जब एक समूह के लोगों ने जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास किया तो दोनों पक्षों ने ना सिर्फ एक-दूसरे पर बम फेंके, बल्कि गोलियां भी चलाईं।
जबरन दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे लोगों की पुलिस के साथ भी झड़प हुई। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा।
यह वजह थी संघर्ष की : मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को टिप्पणियों के खिलाफ दुकानों को बंद कराने का आह्वान किया था। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने जुलूस भी निकाला और उस दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों से भिड़ गए, जिसके कारण संघर्ष हुआ।
उन्होंने बताया कि जल्द ही सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और राहगीरों सहित करीब आधा दर्जन लोग हिंसा में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कानपुर की जिला मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा ने बताया कि एक समुदाय के लोग प्रदर्शन करने सड़क पर उतर आए और हिंसा में शामिल हुए। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कानपुर में सुरक्षाबल बढ़ाया : लखनऊ में एडीजी कुमार ने बताया कि कानपुर की घटना को शासन ने अत्यंत गंभीरता से लिया है और अतिरिक्त पुलिस बल को वहां भेजा गया है। उन्होंने बताया कि कुल 12 कंपनी (एक प्लाटून) पीएसी को भेजा गया है और इसके अलावा कुछ अधिकारी भी वहां भेजे गए हैं।
वहीं, मौके पर पहुंचे कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने कहा कि अचानक करीब 50-100 लोग आ गए और नारेबाजी करने लगे, जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया। फिर पथराव होने लगा। पुलिस ने बहुत हद पर हालात पर काबू पाया। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस इलाके में गश्त लगा रही है।
शांति व्यवस्था की अपील : लखनऊ में एडीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कानपुर के सभी अल्पसंख्यक सदस्यों से अपील है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें तथा उपद्रवियों को पहचानने में पुलिस की मदद करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखें। कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन तथा उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी स्थिति में शांति व्यवस्था को भंग नहीं होने देगी।