इसके बाद एनजीओ के सदस्यों ने गोविंद नगर थाने जाकर लिखित तहरीर दी तो वहीं पुलिस ने पूरे मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम के लिए दफनाए गए कुत्ते को निकालने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि दफनाए गए कुत्ते को निकालने के बाद पुलिस द्वारा उसका पोस्टमार्टम भी करवाया जा सकता है।
क्या था मामला: पूरे मामले को लेकर गोविंद नगर थाने पहुंचे एनजीओ 'उम्मीद एक किरण' के संस्थापक मयंक त्रिपाठी ने बताया कि गोविंद नगर बी-ब्लॉक में लेब्रॉडोर नस्ल के कुत्ते के साथ मालिक द्वारा क्रूरतापूर्वक व्यवहार किए जाने की सूचना मिली थी। सच्चाई जानने के लिए वे एनजीओ के कुछ सदस्यों के साथ उनके घर पहुंचे थे, जहां कुत्ते के मालिक ने अपने बेटे संग मिलकर धक्का-मुक्की की और कुत्ते का मालिक बोला कि मेरा कुत्ता है और मैं उसको मारूं-पीटूं या फिर मार डालूं, तुम सबको इससे क्या मतलब?
मेनका गांधी की संस्था को दी जानकारी: इसके बाद वे और एनजीओ के सदस्य वापस लौट आए और एनजीओ पीपुल्स फॉर एनिमल्स की संस्थापक मेनका गांधी को जानकारी दी। इसके बाद सदस्यों ने मेनका गांधी की कुत्ते के मालिक से फोन पर बात कराई और फिर सभी सदस्य आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर थाने पहुंच गए। करीब 1 घंटे तक जमकर हंगामा किया। सदस्यों ने आरोप लगाते हुए बताया कि थाने में पुलिसकर्मियों ने उनकी तहरीर फाड़ दी।
क्या बोले थाना प्रभारी: थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने बताया कि एनजीओ की तरफ से प्रार्थना पत्र मिला है जिसके बाद कुत्ते के मालिक से बात की गई तो उसने बीमारी के चलते मौत होने की बात बताई है और कुत्ते के शव को एक मैदान में दफनाने की जानकारी दी है। विधिक राय के बाद कुत्ते के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।(प्रतीकात्मक चित्र)