उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी प्रमुख श्याम लाल पाल द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि बुर्का हटाकर पहचान करने से मुस्लिम महिलाएं डरी हुई है। पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि रिटर्निंग ऑफिसर, रिटर्निंग ऑफिसर/जिला मजिस्ट्रेट, जनरल ऑब्जर्वर और पुलिस अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किया जाए कि 20 नवंबर 2024 को कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी मतदाता के वोटर आईडी की जांच नहीं करेगा।
पत्र में कहा गया है कि वोटर आईडी की जांच करने का अधिकार मतदान अधिकारी के पास है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मतदान केंद्रों पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग किया और सपा समर्थकों, खासकर मुस्लिम महिला मतदाताओं को डराकर उनके बुर्के उतरवा दिए। इसके बाद मतदाताओं को मतदान केंद्रों से बिना मतदान किए लौटना पड़ा और इससे मतदान प्रभावित हुआ और मतदेय स्थलों पर मतदान प्रतिशत में गिरावट आई थी।
इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उप्र में शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए नोटिस-चेतावनी के लाल कार्ड बांटकर मतदाताओं पर दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि ये एक तरह से संविधान द्वारा दिये गये वोटिंग के अधिकार को छीनने का गैर-कानूनी कृत्य है। इसे एक अपराध की तरह दर्ज करके तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा माननीय सर्वोच्च से ये अपील होगी कि वो स्वतः संज्ञान लेते हुए पक्षपाती शासन-प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दे।