रामपुर के मामून शाह नगर पालिका अध्यक्ष बनना चाहते थे, दुल्हन सना खानम ने हसरत पूरी की
मंगलवार, 16 मई 2023 (23:37 IST)
रामपुर (उत्तरप्रदेश)। रामपुर में एक स्थानीय नेता मामून शाह से शादी करने के बाद सना खानम की जिंदगी बदल गई। एक निजी स्कूल में शिक्षिका से वह कुछ ही दिनों में रामपुर नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष बन गईं। सना खानम ने 15 अप्रैल को मामून शाह से शादी की और अगले दिन 16 अप्रैल को रामपुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। 13 मई को चुनाव परिणाम आया तो सना खानम शिक्षिका से नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष बन गईं।
वैसे तो मामून शाह खुद रामपुर में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन आरक्षण क्रम में यह सीट महिला के लिए आरक्षित होने के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। अविवाहित मामून शाह ने फिर जो पहल की, उससे उनकी हसरत पूरी हो गई।
शाह ने कहा कि वह पिछले 20 साल से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और शहर में पोलियो उन्मूलन के लिए काम किया है। उन्होंने बताया कि वह पहले रामपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष थे, लेकिन हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। शाह ने बताया कि शादी का फैसला 13 अप्रैल को लिया गया और 15 अप्रैल को शादी हुई। शादी इसलिए की क्योंकि रामपुर नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था।
रामपुर नगर पालिका परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह शादी अरेंज्ड थी। सना खानम ने कहा कि जब शादी हुई तो यह बहुत अच्छा महीना (रमजान) था। यह पूर्व निर्धारित था। चुनाव लड़ने का फैसला शादी के बाद किया गया क्योंकि सीट महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित की गई थी।
सना ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने लोगों की समस्याओं को बेहद करीब से देखा और अब वह हर संभव तरीके से उनका समाधान करने का काम करेंगी। खानम ने यह भी कहा कि उनके छात्र शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में उनकी जीत से उत्साहित हैं।
सना ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा की मसर्रत मुजीब को 10,945 मतों से पराजित कर दिया। उन्हें 43,121 मत मिले जबकि भाजपा उम्मीदवार मसरत मुजीब 32,173 वोट हासिल हुए। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान के गढ़ माने जाने वाले जिले में सपा की उम्मीदवार फात्मा ज़बीं 16,273 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
मामून शाह (45) ने कहा कि स्थानीय लोग उनसे प्यार करते हैं क्योंकि वह उनके संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पिछले 40 वर्षों में केवल आजम खान को वोट दिया है, उन्होंने इस बार हमें वोट दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि मैंने ही उनकी मदद की थी, लेकिन इसके बावजूद वोट आजम खान को जाता था।
सना ने चुनाव में अपना समर्थन देने के लिए लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा, 'मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करूंगी जिन्होंने मेरा समर्थन किया और मुझे जीत दर्ज करने में मदद की। चीजें थोड़ी कठिन थीं, लेकिन मेरे शौहर मामून साहब हर कदम पर मेरे साथ रहे और जनता के सहयोग से हमें सफलता मिली है। अगर टीम वर्क हो तो किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति से पार पाना मुश्किल नहीं है। रामपुर में नगर निकायों के चुनाव के लिए चार मई को मतदान हुआ था और 13 मई को नतीजे घोषित किए गए। (भाषा)