बयान के बाद तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं कि 'रस्सी जल गई, लेकिन बल नहीं गया।' ठाकुर संगीत सोम सरधना से हारने के बाद भी बदले नहीं और अपने तल्ख रवैये और बड़बोलेपन के चलते हमेशा चर्चाओं में छाए रहते हैं।
मैं किसी से डरता या दबता नहीं : संगीत बोले कि मैं किसी से डरता या दबता नहीं हूं। हां मैंने एआर को धमकाया और कम धमकाया। मेरी जगह यदि कोई और होता तो वह कहता कि वायरल ऑडियो में मेरी आवाज नहीं है, लेकिन मै कहता हूं कि मेरी आवाज है और कोई डबिंग नहीं है। इसलिए मैं फिर कहता हूं कि अभी तो कम धमकाया और ज्यादा धमकाना चाहिए था। यदि अभी भी समझ में मेरी बात नहीं आ रही है कि अपना काम सही तरीके से करें, कानून के दायरे में रहकर करें, यदि ऐसा नहीं होता है तो भविष्य में अधिकारियों को जनता के जूते से पिटवाऊंगा।
संगीत सोम के ये विवादित बोल सामने आने से नेता सकते में हैं, वहीं अधिकारियों की कानाफूसी भी शुरू हो गई है कि वे जनता से जूते खिलवाने की बात खुले मंच से कह रहे हैं। इस तरह के वक्तव्य कद्दावर नेता को शोभा नहीं देते हैं। जनता से जूते से पिटवाना एक तरह से उकसाने की श्रेणी में आता है।