लखनऊ। उत्तरप्रदेश के अमेठी में बैंक लूट के खुलासे में लगी पुलिस के ऊपर लग रहे आरोप को लेकर एक बार फिर उत्तरप्रदेश पुलिस कटघरे में खड़ी है। जहां परिजन पुलिस को सत्यप्रकाश शुक्ल का हत्यारा बता रहे हैं, तो वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जमकर प्रदेश सरकार व पुलिस पर निशाना साध रहे हैं।
मारपीट से हुई थी सत्यप्रकाश की मौत : मृतक के भाई ओमप्रकाश शुक्ल की तहरीर पर आईपीसी की धारा 302, 452, 392 व 504 आदि धाराएं लगाई गई हैं। ओमप्रकाश के अनुसार मंगलवार तड़के 3 बजे पीपरपुर थाने के पुलिसकर्मी व एसओजी टीम के सदस्यों ने उनके घर से भाई सत्यप्रकाश को हिरासत में लेकर उनके साथ जमकर मारपीट की। इसके चलते सत्यप्रकाश की मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक का बयान : वहीं पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बैंक लूट मामले की जांच-पड़ताल में सत्यप्रकाश उर्फ साजन शुक्ला के परिवार द्वारा मुखबिरी करने की बात प्रकाश में आई थी। इसी के चलते पूछताछ के लिए वे हिरासत में लिए गए थे। सत्यप्रकाश शुक्ला उर्फ साजन शुक्ला के परिवार द्वारा दी गई तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पैनल के तहत पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। घटना की निष्पक्ष जांच के लिए मेरे द्वारा निर्देशित किया गया है।
यूको बैंक में हुई थी 26 लाख की लूट : गौरतलब है कि यूको बैंक के मैनेजर से अज्ञात बदमाशों ने दिनदहाड़े असलहे के दम पर 26 लाख रुपए लूट लिए थे। इस मामले के खुलासे के लिए स्वाट विंग टीम जिले के साथ ही आस-पड़ोस के जिलों में भी हाथ-पांव मार रही थी। इस बड़े केस में पुलिस ने प्रतापगढ़ के अंतू थाना क्षेत्र के बाबूगंज निवासी सत्यप्रकाश शुक्ला उर्फ साजन शुक्ला को शक के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
परिजनों ने किया जमकर हंगामा : हिरासत के दौरान तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां सत्यप्रकाश की मौत हो गई। मौत की जानकारी होते ही परिजनों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमे की मांग की।
अखिलेश ने साधा निशाना : उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार व पुलिस पर जमकर हमला बोलते हुए कहा है कि अमेठी में पुलिस हिरासत में हुई सत्यप्रकाश शुक्ला की मौत से उपजे जनाक्रोश को भाजपा सरकार झूठी दलीलें देकर दबाना चाह रही है। परिजनों ने थर्ड डिग्री की प्रताड़ना का जो आरोप लगाया है, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए नहीं तो भाजपा सरकार से जनता का रहा-सहा भरोसा भी उठ जाएगा।