Shiva devotee Kavadia: शिव की शक्ति और शिवभक्ति में लीन कावड़िये उत्तराखंड से पवित्र गंगा जल लेकर गंतव्य की तरफ पैदल बढ़ रहे हैं। कावड़ियों की टीमें बड़ी-बड़ी कावड़ झांकियों के साथ डीजे पर नाचते-झूमते नजर आ रही है। हरिद्वार से दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जाने वाले कावड़ियों को यूपी के मुजफ्फरनगर जिले स्थित शिव चौक से होकर गुजरना पड़ता है इसलिए यहां बड़ी संख्या में शिव भक्त कंधे पर कावड़ रखकर शिव चौक की परिक्रमा करते हैं।
शिव चौक पर कावड़ पर्व देखते ही बनता है, क्योंकि शिवभक्त तरह-तरह की झांकियों और कावड़ से मन मोह लेते हैं। शिव चौक पर कावड़ियों की झांकी को देखकर उस समय लोग दंग रह गए, जब भोले का एक भक्त जिंदा सांप के साथ करतब करता नजर आ रहा था। भगवान शिव की वेशभूषा धारण किए इस शिव भक्त का नाम सुमीत भोला है। डीजे की धुन पर थिरकते हुए यह जीवित सांप को हाथ में लिए है। यह कभी सांप के फन को जीभ पर रखकर रगड़ता है तो कभी उसके साथ खेलता है।
अनोखी कावड़ और झांकी देखने आए लोग यह देखकर अचंभित रह गए, क्योंकि सुमीत अपनी जान की परवाह किए बिना सर्प के साथ करतब कर रहा है। सुमीत भोले का कहना है कि वह शिव का पुजारी है और पिछले 8 सालों से सांप के साथ करतब कर रहा है। उसके घर के लोग उस पर गुस्सा भी करते हैं, लेकिन वह शिव के प्रिय आभूषण सर्प को गले में डालता और खेलता है।
सुमीत का कहना है कि वह पहली बार कावड़ यात्रा में आया है और झांकी में करतब दिखाता है। सांप के फन को भोले बाबा का आशीर्वाद मानकर वह मुंह में रगड़ रहा है। यह यात्रा जिस मार्ग से गुजर रही है, वहां सुमीत चर्चा का विषय बन रहा है। सुमीत को देखकर लोग दंग हैं। सुमीत सांप को अपनी जिह्वा पर रखकर खेल दिखा रहा है, जो कि वह खतरनाक भी साबित हो सकता है।
गत वर्षों में उत्तरप्रदेश, बिहार और अन्य जिलों में अनेक घटनाएं देखने को मिली हैं कि जब शोभायात्रा के दौरान शिव वेशभूषा बनाकर सांप को गले में धारण किया गया और सांप ने डंस लिया जिसके चलते शिव रूप धारण करने वाले शख्स की मौत हो गई। भले ही सांप के साथ करतब करने वाले लोग यह कहें कि उन्होंने उसका जहरीला दंश बाहर निकाल दिया है, वह ऐसा करके अपने मन को बहलाते हैं।
क्या कहता है वन्यजीव अधिनियम 1972?: वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत सांप संरक्षण और रेस्क्यू के लिए अनुमति लेनी होती है और सांप के साथ निर्दयता या उसे मार देना अपराध की श्रेणी में आता है जिसके चलते सजा के तौर पर जुर्माना या जेल हो सकती है।