Uttar Pradesh crime news : उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में एक महिला ने पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव पर छेड़खानी का आरोप लगाया। एसपी बृजेश पर आरोप लगाने वाली महिला की शिकायत के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
छेड़खानी के आरोप की जांच के लिए एडीजी जोन भानु भास्कर ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी निर्धारित करते हुए अपनी रिपोर्ट 4 दिन में देने के लिए कहा है। इस कमेटी में आईजी रेंज चंद्रप्रकाश, एसपी चित्रकूट वृंदा शुक्ला और सीडीओ प्रतापगढ़ ईशा प्रिया को शामिल किया गया है।
वही एसपी बृजेश कुमार का कहना है कि महिला फॉलोवर का आरोप बेबुनियाद है, उसे चोरी करते हुए पकड़ा गया और काम से हटाया दिया गया, जिसके चलते वह ऐसा आरोप लगा रही है। ताजी जानकारी के मुताबिक महिला अब अपने बयान से पलट गई।
एसपी कौशाम्बी बृजेश कुमार की बुजुर्ग मां की देखभाल के लिए करारी थाना क्षेत्र की महिला को काम पर रखा था। काम करने वाली इस महिला एसपी के फॉलोवर छोटे लाल यादव ने अपनी भांजी बताकर रखवाया था।
लगभग 11 दिन पहले एसपी के घर से उनकी पत्नी के कपड़े और सोने की पायल चोरी हो गई, जिसके चलते मां की देखभाल करने वाली महिला को काम से हटा दिया गया। इसके बाद से यह महिला के बेतुके आरोप लगा रही है।
आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि एक दिन एसपी बृजेश ने घर में मछली बनवाई और शराब पी, साहब ने मुझे कमरे में पानी रखने के लिए कहा, जब मैं पानी लेकर कमरे में गई तो उन्होंने छेड़खानी करते हुए गलत काम का दबाव बनाया। महिला का यह भी आरोप है कि इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था।
महिला के एसपी पर लगाये गये आरोप के बाद लखनऊ से भी एडीजी जोन के पास फोन घनघना गया। महकमे को किरकिरी से बचने के लिए आनन-फानन में जांच कमेटी बन गई है। जो अपनी रिपोर्ट चार दिन में देगी।
अब आरोप लगाने वाली महिला अपने बयान से मुकर गई है, उसका कहना है कि घर में काम करते समय कांच का बर्तन टूट गया था, जिसके चलते उसे डांट कर काम से निकाल दिया गया। मालिक को सबक सीखने के लिए इस तरह का बेबुनियादी आरोप लगाया है।
भले ही अब तह महिला अपने आरोप को असत्य करार दे रही है, लेकिन इस तरह का गंभीर आरोप वो भी एक पुलिस अधिकारी पर लगाना हिम्मत की बात है।
यदि वीडियो वायरल हुआ था तो उसकी सच्चाई भी जांच में साफ होनी चाहिए। ऐसा तो किसी दबाव में उसने अपने आरोप को वापस लिया हो। योगी सरकार महिला सशक्तिकरण के चलते महिला सम्मान, बेटी बचाओ अभियान को सशक्त कर रही है, इसलिए महिला के आरोप की जांच अवश्य होनी चाहिए, ताकि सही तस्वीर सामने आ सके।