महंत राजू दास ने कहा कि भारत में लगभग 50 प्रतिशत मस्जिदों में सनातन धर्म संस्कृति और हिंदू-देवी देवताओं के प्रतीक चिन्ह मिलते हैं। इसी की लड़ाई है हमारी, इससे आप मुंह नहीं मोड़ सकते हैं और ना ही इसे नकार सकते हैं। मोहन भागवतजी के यह कह देने से कि अब हमें किसी और मंदिर से कोई मतलब नहीं है, इससे संत समाज को अत्यधिक पीड़ा हुई है। हिंदू अब सबल, सतर्क और जागरूक हो चुका है। हिंदू अब किसी के बस में नहीं है, वह अपनी लड़ाई खुद लड़ सकता है। संघ का जन्म सनातन धर्म और हिंदुओं की रक्षा के लिए हुआ है, मुझे लगता है यह आपका व्यक्तिगत विचार हो सकता है संघ का नहीं।