विवेचना के बाद पुलिस ने सात सितंबर 2020 को सांसद के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल कर दिया और अभियोजन की स्वीकृति भी प्राप्त कर ली। इसके बाद एमपी/एमएलए अदालत ने 4 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र पर संज्ञान लेकर सांसद संजय सिंह को सम्मन जारी कर दिया जिसको उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
सिंह के वकील ने मंगलवार को एमपी-एमएलए अदालत से अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने का अनुरोध किया, लेकिन सरकारी वकील के तर्कों के बाद न्यायाधीश ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उन्हें आज तक जमानत नहीं मिली है। (भाषा)