लापता हुए लोग : गांव के 3 बाशिंदे इस त्रासदी के बाद से गायब हैं। उनमें 75 वर्षीय अमृतादेवी भी हैं, जो ऋषि गंगा पर पुल के समीप अपने खेत में काम करने गई थीं। अन्य वल्लीरानी के यशपाल हैं, जो अपने मवेशी को चराने गए थे और रंजीत सिंह (25) हैं, जो ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना में काम करते थे। नंदादेवी ग्लेशियर के टूटने के बाद यह हिमस्खलन आया। इस हिमस्खलन से वह परियोजना नष्ट हो गई, जो 2020 में ही शुरू हुई थी। मुख्य सीमा मार्ग पर एक बड़ा पुल भी बह गया। जुवा ग्वान गांव के प्रदीप राणा ने बताया कि उसी गांव का संजय सिंह भी लापता है, जो अपनी बकरियां चराने गया था। ऋषि गंगा और धौली गंगा के संगम से 20 मीटर की ऊंचाई पर बने कुछ मंदिर भी बह गए। (इनपुट भाषा)