जरूरत पड़ी तो जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट : भोले ने कहा कि अखिलेश यादव व समाजवादी पार्टी के लोग आरक्षण के मुद्दे पर आज सोच रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इन सभी लोगों के बारे में सोच रखा था जिसको लेकर उन्होंने पत्र भी जारी किया है। मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि वह हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं और जो लोग आरक्षण के हकदार उनको उनका हक जरूर दिलाएंगे।
मोदी और योगी के कामों से खुश है जनता : भोले ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने आरक्षण के मुद्दे पर बाद में सोचा है जबकि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इस मुद्दे पर अपनी गंभीरता दिखाई है और उनका कहना है कि बिना आरक्षण प्रक्रिया को पूरा किए चुनाव नहीं कराया जाएगा तथा बीजेपी के साथ देश की 78% जनता साथ में है। जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी के कामों से खुश है।
93 याचिकाएं हुई थीं दाखिल : गौरतलब है कि यूपी निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 93 याचिकाएं दाखिल हुई थीं जिनकी सुनवाई न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ में चल रही थी। इसकी सुनवाई पूरी होने के बाद 93 याचिकाओं पर एकसाथ आदेश पारित करते हुए कोर्ट ने 70 पेजों का फैसला सुनाया था व अपने फैसले में हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया और ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल घोषित कर दी गई थी। इसके बाद से लगातार विपक्ष बीजेपी सरकार को ओबीसी के आरक्षण का विरोध ही बता योगी सरकार पर हमला बोल रहा है।