अयोध्या (यूपी)। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को महर्षि नारद को उद्धृत करते हुए कहा कि इस धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वह केवल राम हैं, राम (Ram) पर लिखेंगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी। यहां साहित्यकार यतीन्द्र मिश्र आयोजित एक साहित्य उत्सव को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में सूर्यवंश की परंपरा में एक अवतार के रूप में मानवीय मर्यादा और आदर्श के सर्वोत्तम स्वरूप प्रभु श्री राम हैं जिनकी पावन धरा पर आयोजित यह सम्मेलन अदभुत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावहारिक संस्कृति पर दुनिया का पहला महाकाव्य रामायण बना जो साहित्य का आधारभूमि है तथा आप वैदिक संस्कृति से व्यावहारिक संस्कृति में आ गए। उन्होंने कहा व्यावहारिक संस्कृति से कैसे अपनी लेखनी को धन्य करना है, यह सीखना है तो महर्षि वाल्मीकि के शरण में जाएं जिन्होंने राम को आधार बनाकर महाकाव्य की रचना कर डाली, उससे पहले उस प्रकार का महाकाव्य किसी ने नहीं रचा।
योगी का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम उसकी आत्मा बने, अयोध्या उसका आधार बनी तो साहित्य की एक नई विधा का सृजन हो गया। फिर यह आमजन के लिए लोकप्रिय हुई और केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर भाषा में रामायण और रामचरितमानस किसी न किसी रूप में हृदय को जरूर छू रही है। इस समारोह में अयोध्या के प्रभारी एवं उत्तरप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पद्मश्री मालिनी अवस्थी समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।(भाषा)