शवों पर योगी सरकार का बयान, 2018 में भी ऐसा ही था गंगा तट का दृश्य

Webdunia
बुधवार, 26 मई 2021 (14:37 IST)
लखनऊ। गंगा तट पर रेत के नीचे दबे शवों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई योगी सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि वर्ष 2018 में कोरोना नहीं था, उस समय भी गंगा तट की तस्वीर ऐसी ही थी।
 
योगी आदित्यनाथ के ऑफिस ने ट्‍वीट कर कहा कि पहले कोरोना नहीं था, फिर भी तीन साल पहले ऐसी ही थी गंगा किनारे की तस्वीर। उल्लेखनीय है गंगा तट पर रेत में दबे शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर बना हुआ है। 
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कोरोना नहीं था, फिर भी तीन साल पहले ऐसी ही थी गंगा किनारे की तस्वीर pic.twitter.com/ld5ZtHGmEv

— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) May 26, 2021 >
सीएम ऑफिस ने ट्‍वीट के साथ एक दैनिक की तस्वीर भी साझा की है, इसमें एक तस्वीर तीन साल पहले की दिखाई गई है, जबकि एक अभी की। दोनों तस्वीरों में दृश्य लगभग एक जैसा है। हालांकि लोगों ने भी इस पर ट्‍वीट किए हैं। ऋषभ यादव ने लिखा- वहां के लोग मना कर रहे हैं ऐसा हाल पहले नहीं था। वहीं, सुंदरम झा ने लिखा- 3 साल पहले भी आपकी ही सरकार थी। 
 
प्रो. आर सिंह ने ट्‍वीट कर लिखा- अब आपके कार्यालय बहुत देर कर दी। यह पहले ही दिन क्यों जिम्मेदार लोग नहीं बोले। यह उदासीनता की पराकाष्ठा है। प्रशांत सिंह पाल ने लिखा- बस भ्रम फैलाकर सत्ता में वापसी को लालायित है विपक्ष, एक ही एजेंडा है कोई मरे या कुछ भी, बस सत्ता चाहिए जिसके लिए कुछ भी करना पड़े।
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जीते जी ढंग से इलाज नहीं मिला। कितनों को सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं मिला। सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली। अब कब्रों से रामनामी भी छीनी जा रही है।

छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है। ये कौन सा सफाई अभियान है?

ये अनादर है-मृतक का, धर्म का, मानवता का pic.twitter.com/PHC1fyMKCL

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 25, 2021 >
एडवोकेट शुभम वाजपेयी ने लिखा- मतलब अभी जो हालत है वो आज के जैसी ही 2018 में थी। सरकार ने कम से कम माना तो कि ये हालत खराब है, यही बड़ी बात है। आज के दौर की सरकार जनता के दुख-दर्द को मान ही ले कम से कम।