नई दिल्ली। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। गौरतलब है कि इससे पहले उत्तराखंड भाजपा ने रावत को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था।
खबरों के अनुसार, भाजपा से बर्खास्त हरक सिंह रावत ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। शुक्रवार को उन्होंने कांग्रेस के वॉर रूम में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत हाथ की तलाश कर रहे थे।
हरक सिंह रावत ने इसके बाद हरीश रावत से मुलाकात की। हरक सिंह रावत कांग्रेस के वॉर रूम 15 जीआरजी में पहुंचे। इस दौरान वॉर रूम में प्रियंका गांधी, हरीश रावत, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह, देवेंद्र यादव और दीपिका पांडेय सिंह मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार हरक सिंह रावत के साथ उनकी पुत्रवधू अनुकृति भी कांग्रेस में शामिल हुईं। सूत्रों ने बताया, कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद रावत पार्टी में शामिल हुए हैं। उन्हें या उनकी पुत्रवधू अथवा किसी समर्थक को टिकट देने के संदर्भ में कोई फैसला अभी नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही फैसला हो जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि हरीश रावत 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के चलते इस पक्ष में नहीं थे कि हरक सिंह रावत को फिर से पार्टी में लिया जाए, लेकिन प्रदेश के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की पैरवी और आलाकमान की सहमति मिलने के बाद उन्होंने अपनी रजामंदी दी।
पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक हरक सिंह रावत पहले कई वर्षों तक कांग्रेस में थे। पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बगावत कर दी थी जिससे तत्कालीन हरीश रावत सरकार संकट में आ गई थी। फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
इस घटनाक्रम को लेकर हरक सिंह रावत ने पिछले दिनों माफी मांगी थी और कहा था कि हरीश रावत उनके बड़े भाई हैं और (वह) उनसे 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा। 10 मार्च को मतगणना होगी।