देहरादून। कांग्रेस नेता जगतार बाजवा अपनी पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार सुनीता टम्टा बाजवा के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई हैं। सुनीता टम्टा बाजवा 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
जगतार बाजवा स्वयम किसान आंदोलन में राकेश टिकैत के साथ बेहद सक्रिय रहे थे। चुनाव में बाजपुर क्षेत्र से पूर्व मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस प्रत्याशी बनने से यह परिवार कांग्रेस को छोड़ गया। सुनीता बाजवा बाजपुर से कांग्रेस का टिकट मांग रही थी।
इसी तरह भाजपा नेता और भाजपा सरकार में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रघुनाथसिंह चौहान ने भी पार्टी से त्याग-पत्र देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर आरोपों की झड़ी लगा डे और उनको पहाड़ विरोधी साबित करने की कोशिश की। उत्त्रेअख्न्द में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची बाहर आते ही दोनों पार्टियों में बगावत से कोहराम मच गया है।
कांग्रेस में तो देहरादून की देहरादून महानगर की रायपुर, राजपुर रोड, धर्मपुर और देहरादून कैंट विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद टिकट के दावेदारों में असंतोष भड़कता जा रहा है। रायपुर और राजपुर रोड आरक्षित सीट पर तो टिकट के चाहने वाले प्रत्याशी पार्टी नेतृत्व के विरुद्ध खुलकर सामने आ गए हैं।
रायपुर सीट से टिकट के प्रबल दावेदार रहे प्रभूलाल बहुगुणा के समर्थकों ने सोमवार दोपहर कांग्रेस भवन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया। हरीश रावत अपनी कार से बाहर नहीं निकले और कांग्रेस भवन से सीधे मधुबन होटल के लिए निकल गए। राजपुर रोड आरक्षित सीट पर राजकुमार को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए जाने से वाल्मीकि समाज के कुछ नेता नाराज हैं।
सोमवार को राहुल-प्रियंका गांधी सेना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल वाल्मीकि ने राजकुमार के विरोध में निर्दलीय चुनाव लडऩे की बात कही। वाल्मीकि कालोनी के एक घर में हुई बैठक में मदनलाल ने कहा कि वे मंगलवार को नामांकन करेंगे। बैठक में वाल्मीकि नेता विकास साथी, गगन छाछर, राहुल स्वेडिया, राजेश चंचल, नरेश पारछे, सुशील कुमार, परवीन कुमार, रोहित टांक, सतीश कुमार आदि मौजूद रहे।
धर्मपुर सीट पर पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल को टिकट दिए जाने से पूर्व दर्जाधारी पूरन सिंह रावत खासे नाराज हैं। उन्होंने 27 जनवरी को बतौर निर्दलीय नामांकन कराने की बात कही। देहरादून कैंट सीट से टिकट के प्रबल दावेदार रहे वैभव वालिया ने कैंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने सूर्यकांत धस्माना को प्रत्याशी बनाने का विरोध किया।
कांग्रेस का टिकटों पर मंथन : कांग्रेस दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने कुछ सीटों पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है। पुनर्विचार की चर्चाओं में हरीश रावत की चर्चित सीट रामनगर व अपनों के ही निशाने पर आये सूर्यकांत धस्माना की देहरादून कैंट सीट भी शामिल है। राजनीति में अंतिम समय तक हर तरह के निर्णय की संभावना बनी रही है‚ इसलिए पुनर्विचार जैसी हवाओं पर अभी नजर ही रखी जा सकती है।
रामनगर में हरीश रावत व रणजीत रावत के बीच सुलह न होने की हालत में रावत को हरिद्वार ग्रामीण या लालकुंआ में शिफ्ट करने की बातें हवा में तैरने लगी हैं। कालाढूंगी‚ डोईवाला व ऋषिकेश के साथ ही देहरादून कैंट पर भी पुनर्विचार जैसी बातें पार्टी के भीतर से ही सामने आ रही हैं।
ऋषिकेश व डोईवाला में कमजोर प्रत्याशी उतारे जाने की बातें पार्टी के भीतर ही हो रही हैं। एक–एक सीट की संभावित जीत का आंकड़ा बटोरने में लगे राजनीतिक दलों के लिए यह संक्रमण काल जैसा दिख रहा है। बुधवार को गणतंत्र दिवस के अवकाश की वजह से नामांकन नहीं होना है इसलिए कांग्रेस के शेष बची 6 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा बुधवार रात या गुरुवार सुबह तक होने की संभावना है। इसके साथ ही घोषित हो चुके टिकटों में से किसी में संशोधन जरूरी समझा गया तो यह संशोधन भी शेष टिकटों के साथ ही सामने आ जाएगा।