राहुल की अगुवाई में सत्ता वापसी को छटपटा रही कांग्रेस यंगिस्तान एक्सप्रेस से विधानसभा का
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सफर तय करने की कवायद में जुटी है। यही वजह है कि तमाम उम्मीदवार पहली बार सियासी यात्रा पर हैं। छात्रसंघ की मुखर विरोधी कांग्रेस ने छात्र नेताओं तथा पार्टी के दिग्गज सिपाहियों के बेटों को टिकट देने से कोई परहेज नहीं किया है लेकिन इन सबके पीछे राहुल का युवा एजेंडा है।
उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी के ओबीसी एजेंडे और कांग्रेस की पिछड़े वर्गों की राजनीति का चेहरा माने जाने वाले केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा गृह जिले बाराबंकी की दरियाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतारे गए हैं । चुनावों में सपा के यादव-मुस्लिम समीकरण के जवाब में कुर्मी-मुस्लिम समीकरण बनाने का दावा करने वाले बेनी बाबू अपने बेटे को जिताने के लिए दिन-रात जुटे हैं ।
महाराजगंज से कांग्रेस सांसद हषवर्धन के बेटे राज्यवर्धन की कैंपियरगंज सीट से सियासी लांचिंग होने जा रही है । पूर्व राज्यपाल एवं गांधी परिवार के निष्ठावानों में शुमार महावीर प्रसाद की बेटी निर्मला को बांसगांव से उम्मीदवार बनाया गया है । पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे भी मैदान में हैं । पूर्व सांसद जितेंद्र सिंह के बेटे जय सिंह, सांसद जगदंबिका पाल के बेटे अभिषेक पाल भी युवा ब्रिगेड के नाम पर मैदान में हैं। पिपराइच से नई उम्र की निर्मला पासवान, छात्रसंघ की उपज व आमी बचाव मंच की मार्फत सुर्खियों में आने वाले विश्वविजय सिंह, सेवरही के किसान डिग्री कॉलेज के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पथरदेवा से मैदान में उतारकर कांग्रेस ने राहुल के एजेंडे को आगे बढ़ाया है ।
खड्डा से हिंदू युवा वाहिनी के विजय दूबे व पडरौना से स्वर्ण व्यवसायी राजू जायसवाल, बरहद से दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र वीरेंद्र चौधरी और भाटपार रानी से नई उम्र की विंदा सिंह कुशवाहा तथा डुमरियागंज से काजी सुहेल को उतारकर कांग्रेस ने युवा कार्ड खेला है । मणियाह से कांग्रेस ने कमलापति त्रिपाठी के चौथी पीढ़ी के ललितेशपति त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है । यही नहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक डी.पी. बोरा के बेटे डॉ. नीरज बोरा, रशीद मसूद के बेटे इमरान और पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के बेटे नावेद मियां भी यंगिस्तान टीम के हिस्से हैं ।
रालोद ने अपने युवा नेताओं में हाथरस सुरक्षित सीट से सांसद सारिका सिंह और अपने सांसद देवेंद्र नागपाल की पत्नी अंजू नागपाल का नाम लिख रखा है । सपा ने भी कम युवाओं को मैदान में नहीं उतारा है । सहजनवा से उसके उम्मीदवार शनि यादव, चिल्लूपार से सीपी चंद, नौतनवां से अमर मणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि, हरदोई से बसपा सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल, पूर्व मंत्री बलराम यादव का बेटा संग्राम यादव, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर, मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव और कमाल अख्तर भी सपा की यंगिस्तान टीम के अहम चेहरे हैं । भारतीय जनता पार्टी ने युवा ब्रिगेड के नाम पर नेता पुत्रों को जगह दी है ।
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह ही नहीं, सांसद लालजी टंडन के बेटे गोपाल टंडन, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह, राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के बेटे शरद त्रिपाठी, पार्टी प्रवक्ता सत्यदेव सिंह के बेटे वैभव सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे शैलेंद्र सिंह शैलू, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह भी भगवा ब्रिगेड के युवा चेहरे हैं । बसपा में परिवहन मंत्री राम अचल राजभर के बेटे संजय राजभर, सांसद राकेश पांडेय के बेटे रितेश पांडेय यंगिस्तान टीम के नुमाइंदे हैं।
इसके अलावा कई युवा अपने बलबूते पर भी सियासी समर जीतने को उतर गए हैं । इनमें भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्री काजल निषाद का नाम शुमार है । वह गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार हैं । इसी कोटि में क्रिकेटर ज्योति यादव भी आते हैं जिन्हें सपा ने अपना दल के बाहुबली अतीक अहमद के सामने उतार रखा है।