PM मोदी बोले- योग से हमें शांति की दिशा मिलती है, तनाव से गुजर रही है दुनिया

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 21 जून 2025 (19:44 IST)
International Yoga Day : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है, कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है और ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। योग एक ‘पॉज बटन’ है जिसकी मानवता को आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन मानवता के लिए उस प्राचीन प्रथा की शुरुआत का प्रतीक है जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन गई है।
 
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के विशाल योग दिवस समारोह ने रिकॉर्ड बनाया है। राज्य सरकार ने बताया कि इस दौरान 23 नई उपलब्धियां हासिल की गईं। मोदी ने कहा, दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। योग एक ‘पॉज बटन’ है जिसकी मानवता को आवश्यकता है, जिससे कि वे खुलकर सांस ले सकें, जीवन में संतुलन बना सकें तथा पुनः संपूर्ण बन सकें।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा दुनिया से अनुरोध है कि आइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग के दूसरे संस्करण की शुरुआत का प्रतीक बनाएं जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाए। मोदी ने कहा कि योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है।
 
दिव्यांग ब्रेल लिपि में पढ़ते हैं योग शास्त्र : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग सभी का है और सभी के लिए है। यह सीमाओं, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से बंधा नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग है, जो एक गहरी सच्चाई को दर्शाता है कि धरती पर प्रत्येक इकाई का स्वास्थ्य परस्पर जुड़ा हुआ है। मोदी ने गर्व जताते हुए कहा कि कैसे दिव्यांग लोग ब्रेल लिपि में योग शास्त्र पढ़ते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वैज्ञानिक भी अंतरिक्ष में योग करते हैं।
ALSO READ: विश्‍व योग दिवस 2025: कितने प्रकार के होते हैं प्राणायाम, जानिए 5 चमत्कारी फायदे
उन्होंने कहा कि मानव कल्याण उस मिट्टी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो भोजन उगाती है, उन नदियों पर निर्भर करता है जो पानी देती हैं और उन जानवरों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है जो पारिस्थितिकी तंत्र को साझा करते हैं तथा उन पौधों पर निर्भर करता है जो पोषण करते हैं।
 
मोदी ने कहा कि योग हमें इस परस्पर जुड़ाव के प्रति जागरूक करता है। मोदी ने कहा कि योग दुनिया को जोड़ता है और सिखाता है कि लोग अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं बल्कि प्रकृति का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, योग एक महान व्यक्तिगत अनुशासन है। साथ ही, यह एक ऐसी प्रणाली है जो हमें मैं से हम की ओर ले जाती है। आइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग की शुरुआत के रूप में चिह्नित करें, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन गई है।
 
योग सभी का है और सभी के लिए है : उन्होंने कहा कि जब भारत ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में रखा तो कुछ ही समय में 175 देशों ने इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि 11 साल बाद योग अब दुनियाभर के करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है। मोदी ने कहा, चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है कि योग सभी का है और सभी के लिए है।
ALSO READ: सैनी ने योग को बताया जीवन जीने की कला, सरकारी दफ्तरों में की 5 मिनट के योग ब्रेक की घोषणा
भारतीय संस्कृति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवंतु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है। उन्होंने जोर दिया कि योग सिर्फ निजी अभ्यास नहीं रहे, बल्कि वैश्विक भागीदारी का माध्यम बने।
 
प्रधानमंत्री ने हर देश और समाज से योग को अपनी जीवनशैली एवं सार्वजनिक नीति में शामिल करने तथा एक शांत, संतुलित और सतत विश्व को गति देने के लिए सामूहिक प्रयास की कल्पना करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, योग विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए। मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के जरिए भी योग और आरोग्य के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री के अनुसार, आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं जो दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है। योग प्रमाणीकरण बोर्ड के प्रयासों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बोर्ड ने ‘होलिस्टिक इकोसिस्टम’ (सर्वांगीण आरोग्य तंत्र) के निर्माण के तहत साढ़े छह लाख से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवकों, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल जैसे कई प्रयास किए हैं।
ALSO READ: इंदौर के राजबाड़ा में हुआ योग, सिंधिया समेत कई दिग्गज शामिल
उन्होंने सभी से योग को जनांदोलन में बदलने का आह्वान किया, ताकि विश्व को शांति, स्वास्थ्य और सद्भाव की ओर ले जाया जा सके। मोदी ने कहा कि इस वर्ष, ‘माई जीओवी’ और ‘माई भारत’ जैसे मंच पर ‘योग विद फैमिली’ जैसी विशेष प्रतियोगिताएं और ‘योग अनप्लग्ड’ के तहत युवा-केंद्रित पहल शुरू की गई हैं, जिससे जन भागीदारी को बढ़ावा मिल रहा है।
 
योग में बने कई रिकॉर्ड : मोदी ने ‘योगांध्र’ परियोजना के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और मंत्री नारा लोकेश को बधाई दी। नायडू ने कहा कि राज्य ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 23 वैश्विक रिकॉर्ड बनाए है जिनमें दो 'गिनीज रिकॉर्ड' और 21 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड' है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ योगाभ्यास करने के बाद नायडू ने कहा कि इस प्राचीन कला का प्रदर्शन करने के लिए यहां 3.03 लाख लोग एकत्र हुए, जिससे एक ही स्थान पर सर्वाधिक लोगों द्वारा योगाभ्यास करने का विश्व रिकॉर्ड बना है। नायडू ने कहा, कुल 23 वैश्विक रिकॉर्ड बनाए गए, जिनमें 21 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड' और दो 'गिनीज रिकॉर्ड' शामिल हैं।
ALSO READ: योग दिवस पर बोले योगी आदित्यनाथ, योग स्वस्थ शरीर के साथ हम सबको स्वस्थ मस्तिष्क भी उपलब्ध कराता है
इसके अलावा, करीब 22,122 आदिवासी छात्रों ने एक ही स्थान पर 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार करके दूसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। यह उपलब्धि शुक्रवार को आंध्र विश्वविद्यालय में हासिल की गई।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी