- माता सरस्वती विद्या, वाणी, स्वर, ललित कला, गायन, वादन, लेखन और संगीत की देवी हैं। माता की पूजा और आराधना के साथ ही उक्त विद्या से जुड़ी वस्तुओं को दान करने से माता प्रसन्न होकर वरदान देती है।
- वाणी, शिक्षा एवं अन्य कलाओं की अधिष्ठात्री देवी मां की आराधना छात्रों को अवश्य करनी चाहिए। इस दिन कण्ठ में सरस्वती को स्थापित किया जाता है। स्वर, संगीत, ललित कलाओं, गायन वादन, लेखन यदि इस दिन आरंभ किया जाए तो जीवन में सफलता अवश्य मिलती है।
- यदि आप कला, संगीत, गायन या लेखन के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो इस दिन गरीब बच्चों को या छात्रों को स्टेशनरी का सामान जरूर दान करना चाहिए।
- इस दिन खासकर स्कूलों में सरस्वती पूजा होती है वहां जाकर भी शिक्षा से जुड़े सामान दान कर सकते हैं। जैसे, कलम, दवात, कॉपी, पेन या अन्य कोई सामान। शिक्षण स्थलों पर जाकर लेखन-पठन सामग्री का विद्यार्थियों के मध्य वितरण कर इस पर्व को अपने लिए विशेष बना सकते हैं। दूसरों के जीवन में वसंत खिलाना भी वसंत का एक अर्थ है।
- स्टेशनरी के सामान में कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल, रबर, ड्राइंग कॉपी, कलर बॉक्स, स्केल, ज्यॉमेट्री बॉक्स, कलर पेकर, क्रॉफ्ट पेपर, शीट, स्टेशनरी पेपर, कंपास, बैग, कॉपी किताब कवर रोल आदि में से आप जो भी दान करना चाहें कर सकते हैं।