किस्मत चमकाना है तो सोते समय ना करें यह गलतियां...

* सोते समय आप भी करते हैं यह गलतियां तो जरूर पढ़ें  
* सोने के आदर्श नियम जानिए और किस्मत बदलें 
* शयन विधि : दिशा बदलो, दशा बदलेगी
 

 
प्राचीन ग्रंथों में वर्णित शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्यक्ति की दशा उसके द्वारा नित्य कर्मों की दिशा पर आधारित होती है। आइए जानते हैं कि किस प्रकार मनुष्य को अपनी शयन विधि रखनी चाहिए। यदि शयन विधि में कुछ निम्न परिवर्तन या कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो हमें बहुत से लाभ होंगे। 
 
जानिए क्या है शास्त्रोक्त शयन विधि : 10 बजे सोना और 4 बजे उठाना। ध्यान रहे, युवकों के लिए 6 घंटे की नींद ही काफी है।
 
सोने की मुद्रा : उल्टा सोए भोगी, 
सीधा सोए योगी, 
डाबा सोए निरोगी, जीमना सोए रोगी। 
 
बाईं करवट सोना स्वास्थ्य के लिए हितकारी है, शास्त्रीय विधान भी है। आयुर्वेद में ‘वामकुक्षि’ की बात आती है। शरीर विज्ञान के अनुसार चित सोने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान होता है और औंधा सोने से आंखें बिगड़ती हैं।
 
 

सोते समय ईष्टदेव को याद किया जाए। सोते वक्त 7 भय को दूर करने के लिए 108 मंत्र का जप करें और उठते वक्त 8 कर्मों को दूर करने के लिए ईष्टदेव की 1 माला करें।


 
सुखनिद्रा के लिए : श्री ईष्टदेव को याद करें। श्री और प्रभु का स्मरण करना चाहिए।
 
दिशा ज्ञान : दक्षिण दिशा में पांव रखकर कभी सोना नहीं। यहां यम और दुष्टदेवों का निवास है। कान में हवा भरती है। मस्तिक में रक्त का संचार कम हो जाता है। स्मृतिभ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियां होती हैं। यह बात वास्तुविदों ने भी जाहिर की है।
 
1. पूर्व दिशा में मस्तक रखकर सोने से विद्या की प्राप्ति होती है। 
 
2. दक्षिण में मस्तक रखकर सोने से धनलाभ और आरोग्य लाभ होता है। 
 
3. पश्चिम में मस्तक रखकर सोने से प्रबल चिंता होती है। 
 
4. उत्तर में मस्तक रखकर सोने से मृत्यु और हानि होती है।
 
आगे पढ़ें शयन करने के स्वर्णिम नियम... 


 

जानें शयन करने के स्वर्णिम नियम : 


 

 
* मस्तक और पांव की तरफ किसी भी प्रकार का प्रकाश नहीं होना चाहिए। प्रकाश बाईं या दाईं और कम से कम 5 हाथ दूर होना चाहिए।
 
 * सोते समय मस्तक दीवार से कम से कम 3 हाथ दूर होना चाहिए। 
 
* संध्याकाल में निद्रा नहीं लेनी चाहिए।
 
* शैया पर बैठे-बैठे निद्रा नहीं लेनी चाहिए।
 
* द्वार की चौखट पर मस्तक रखकर नींद न लें।
 
* हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट के नीचे और पांव पर पांव चढ़ाकर निद्रा न लें।
 
* सूर्यास्त के पहले सोना नहीं चाहिए।
 
* पांव की और शैया ऊंची हो तो अशुभ है।
 
* शैया पर बैठकर खाना-पीना अशुभ है।
 
* सोते-सोते पढ़ना उचित नहीं।
 
* ललाट पर तिलक रखकर सोना अशुभ है (इसलिए सोते वक्त तिलक मिटाने को कहा जाता है।)
 
* शैया पर बैठकर सुपारी के टुकड़े करना अशुभ है। 

 

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