दुकान का मुख किस दिशा में है और दुकान का वास्तु कैसा है इसी से आपके व्यापार की उन्नति तय होती है। यदि आपकी दुकान की दिशा दक्षिण में है या दुकान दक्षिणमुखी है तो जानिए वास्तु के 10 टिप्स।
दक्षिण मुखी दुकान ( dakshin mukhi dukan ka vastu )
1. दक्षिण मुखी दुकान को शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि दक्षिण दिशा यम की होती है जो सृजन के बजाए समापन करते हैं। परंतु इसे लेकर परेशान होने की आवश्यकता नहीं।
2. दक्षिण मुखी दुकान के द्वार पर किसी व्यक्ति को नियुक्त कर दें जो ग्राहक आने पर दरवाजा खोले या उनका विनम्रता से और हंसते हुए अभिवादन करें।
3. आप गमले में नीम का पौधा लगाकर उसे द्वार के साइड में रख दें और जब वह पौधा पेड़ बनने लगे तब उसे दुकान के बाहर उचित दिशा में लगा दें।
4. दुकान में प्रवेश करने के बाद कुछ बैंच या चेयर ऐसी रखी होना चाहिए जिस पर ग्राहक बैठ सकें।
5. यदि निरंतर धूप बनी रहती है तो शटर के उपर या द्वार के उपर एक हरे रंग का बड़ा-सा शेड लगाए जिससे दुकान के भीतर तक धूप ना आए। दक्षिण मुखी दुकान को लगातार आ रही धूप से बचाना चाहिए।
6. दुकान के मालिक को पश्चिम की ओर खड़े होकर सामान बचना चाहिए। यानी उसका मुख पूर्व में हो।
दुकान के मालिक या सेल्समैन का मुंह पूर्व या उत्तर मुखी होना चाहिए।
7. यदि दक्षिण मुखी शोरूम है तो उसमें दक्षिण दिशा का प्रभाव नहीं रहेगा, लाभ होगा।
8. दक्षिण मुखी दुकान को बहार से अच्छे से सजाकर रखना चाहिए। जैसे दरवाजा सुंदर होना चाहिए। आसपास गमले रखे होना चाहिए।
9. यदि दक्षिण मुखी दुकान किसी मार्केट में है यानी दुकान के सामने की लाइन में भी दुकानें हैं, तो ऐसी दक्षिण मुखी दुकान अशुभ नहीं मानी जाती है।
10. दुकान में यदि कोई ग्राहक आता है तो उसके साथ अच्छे से व्यवहार करें चाहे वह आपकी दुकान से सामान खरीदे या नहीं खरीदे। ध्यान रखें कि वह दु:खी होकर नहीं जाए।