वास्तु टिप्स : घर के भीतर की 8 दिशाओं में कहां पर क्या रखें?

घर में किस दिशा में क्या होना चाहिए. अक्सर इस संबंध में लोग जानता चाहते हैं कि वास्तु अनुसार घर के भीतर 8 दिशाओं में से किस दिशा में कौन सा सामान रखना चाहिए? कहीं ऐसा तो नहीं है कि कोई सी वस्तु गलत जगह या दिशा में रखी हो जिसके चलते नुकसान हो रहा हो? ये आठ दिशाएं हैं- उत्तर, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्‍चिम और वायव्य। आजो जानते हैं संक्षिप्त जानकारी।
 
 
1.उत्तर दिशा : इस दिशा के देवता कुबेर और ग्रह स्वामी बुध है। यह माता का स्थान है। इसी दिशा को खाली रखना जरूरी है।
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2.ईशान कोण : इस दिशा में जल एवं भगवान शिव का स्थान है और गुरु ग्रह इस दिशा के स्वामी है। ईशान कोण में पूजा घर, मटका, कुंवा, बोरिंग वाटरटैंक अदि का स्थान बान सकते हैं। 
 
3.पूर्व दिशा : इस दिशा के स्वामी सूर्य, देवता इंद्र होते हैं। पितृस्थान की प्रतिक यह दिशा खुली होना चाहिए। 
 
4.आग्नेय कोण : इस दिशा में अग्नि एवं मंगल का स्थान है और शुक्र ग्रह इस दिशा के स्वामी है। आग्नेय कोण को रसोई या इलैक्ट्रॉनिक उपकरण आदि का स्थान बना सकते हैं। 
 
5.दक्षिण दिशा : इस दिशा में काल पुरुष का बायां सीना, किडनी, बाया फेफड़ा, आतें हैं एवं कुंडली का दशम घर है। यम के आधिपत्य एवं मंगल ग्रह के पराक्रम वाली दक्षिण दिशा पृथ्वी तत्व की प्रधानता वाली दिशा है। यह स्थान भी भारी होना चाहिए।
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6.नैऋत्य कोण : इस दिशा में पृथ्‍वी तत्व का स्थान है और इस दिशा के स्वामी राहु और केतु है। नैऋत्य को ऊंचा और भारी रखना चाहिए। वैसे टीवी, रेडियो, सी.डी. प्लेयर अथवा खेलकूद का सामान यहां रख सकते हैं। नैऋत्य और दक्षिण में अलमारी, सोफा, मेज, भारी सामान तथा सुरक्षित रखे जाने वाले सामान रख सकते हैं।  
 
7.पश्चिम दिशा : इस दिशा के देवता वरूण और ग्रह स्वामी शनि है। यह दिशा भी वास्तु नियमों के अनुसार होना चाहिए।
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8.वायव कोण : इस दिशा में वायु का स्थान है और इस दिशा के स्वामी ग्रह चंद्र है। वायव कोण को खिड़की, उजालदान आदि का स्थान बना सकते हैं। यहां गेस्ट रूम भी बना सकते हैं।

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