Kamdhenu gay ki murti rakhne ke fayde : प्राचीनकाल में कामधेनु नामक एक गाय होती थी जो व्यक्ति की सभी तरह की कामना या मनोकामना पूर्ण कर देती थी। इस गाय को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसे समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक माना जाता है। बहुत से घरों में बछड़े नंदिनी को दूध पिला रही कामधेनु गाय की पीतल की मूर्ति होती है। आखिर इस मूर्ति को कब, कहां और कैसे रखना चाहिए यह भी जानना जरूरी है तभी इसका लाभ मिल सकता है।
कामधेनु गाय की मूर्ति कब रखें घर में?
कामधेनु गाय की मूर्ति आप किसी भी शुभ वार के दिन शुभ मुहूर्त में घर लाकर रख सकते हैं।
गोपद्वमव्रत, गोवत्सद्वादशी व्रत, गोवर्धन पूजा, गोत्रि-रात्र व्रत, गोपाअष्टमी, पयोव्रत, धनतेरस के पावन व्रत त्योहार पर भी इसे घर में लाकर रख सकते हैं।
इसके अलावा आप चाहें तो किसी पंडित या ज्योतिष की सलाह के अनुसार भी किसी शुभ मुहूर्त में यह मूर्ति लाकर रख सकते हैं।
कामधेनु गाय की मूर्ति कहां और कैसे रखें?
मूर्ति को घर की उत्तर, ईशान या पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए।
घर के पूजाघर या प्रवेश द्वार पर उचित स्थान पर इसे स्थापित कर सकते हैं।
चांदी, पीतल या तांबे की मूर्ति रखना चाहिए।
प्रवेश द्वार पर रख रहे हैं तो संगमरमर की मूर्ति रखें।
कामधेनु गाय की मूर्ति रखने के फायदे:
गाय की मूर्ति रखने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
मानसिक शांति मिलती है।
फेंगशुई में भी इसका महत्व बताया गया है।
पढ़ाई में एकाग्रता के लिए भी इस मूर्ति को घर में स्थापित करते हैं।
इस मूर्ति को घर में रखने से मनोकामना पूर्ण होती है।
सौभाग्य, धन, सुख और समृद्धि बढ़ती है।
माँ की तरह कामधेनु आपके घर से सभी बीमारियों को दूर रखती है।
खराब स्वास्थ्य, मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा पाने में सहायक।
इसमें त्रिदेवियों के गुण है और यह वैतरणी नदी एवं भवसागर को पार कराने वाली है।
स्वास्थ्य, संपत्ति, समृद्धि, शांति, सफलता और सकारात्मकता के लिए कामधेनु गाय की मूर्ति रखते हैं।