ishan kon vastu Tips : उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान दिशा या ईशान कोण कहते हैं। इस दिशा में सभी देवी और देवता निवास करते हैं। शिवजी का एक नाम है ईशान। इस दिशा में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष नहीं है तो यह दिशा आपकी जिंदगी को सकारात्मक मोड़ देकर बदलने की क्षमता रखती है। इस दिशा को आप जैसा बनाएंगे यह वैसा फल देगी। आओ जानते हैं इस दिशा में बने मकान के 10 चमत्कारिक फायदे।
वास्तु के अनुसार ईशान कोण का है मकान तो होंगे 10 चमत्कारिक फायदे
1. यह कोण आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की क्षमता रखा है।
2. यह दिशा जीवन में सुख और शांति प्रदान करती है।
3. इस दिशा से घर में पवित्रता और सकारात्मकता का विस्तार होता है।
4. इस दिशा के कारण जातक हर क्षेत्र में उन्नति करता है।
5. इस दिशा के मकानों में गर्मी के दिनों में ठंडक रहती है।
6. इसे धन और लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है। ईशान दिशा अन्य दिशाओं की तुलना में बड़ी हो तो गृह के निवासी धन-संपत्ति से युक्त रहेंगे।
7. ईशान दिशा के मकान में ऐश्वर्य में वृद्धि होगी तथा संतानें मेधावी होंगी और वंश में वृद्धि होगी।
8. ईशान दिशा नीचे हो तो गृह स्वामी अष्टविध संपत्ति के अधिकारी होंगे।
9. ईशान ब्लाक में पूर्व की तरफ ढलान पुरुषों के लिए तथा उत्तर की तरफ वाला ढलान स्त्रियों के सर्वांगीण विकास के लिए श्रेष्ठतम होता है।
10. ईशान दिशा में पूर्व तथा उत्तर वाली दीवारें पश्चिम तथा दक्षिण दिशा वाली दीवारों की तुलना में नीची होने से चिरकाल तक आरोग्य, सुख-संपत्ति तथा धन लाभ होता है। गृह का समस्त जल इस दिशा से बाहर निकलना चाहिए। वर्षा का जल भी इस दिशा से बाहर निकले तो गृह स्वामी के सुख में वृद्धि होती है।
क्या रख सकते हैं इस दिशा में?
इस दिशा में बोरिंग, पंडेरी, स्वीमिंग पूल, पूजास्थल या घर का मुख्य द्वार होना चाहिए।
जहां तक भीतर की बात है तो यहां पर पीने के पानी के स्थान होना चाहिए या जल से भरा एक कलश रख सकते हैं।
तुलसी, केल, आंवला, पाकड़ और लटजीरा का पौधा लगा सकते हैं।
इस दिशा की दीवार का रंग आसमानी, सफेद या हल्के बैंगनी रंग का होना चाहिए।
इसमें पीले रंग का प्रयोग इसलिए करना चाहिए, क्योंकि यह देवी और देवताओं का स्थान होता है।
यदि आपको अपने बच्चों की पढ़ाई को बेहतर बनाना है तो इस कोण को भवन में सदैव स्वच्छ एवं पवित्र रखना चाहिए।
आप यहां पर बच्चों की किताबें और सुगंधित पदार्थ के साथ ही सरस्वती का एक चित्र लगा सकते हैं।
यदि आप जीवन में शांति और खुशहाली चाहते हैं तो इस दिशा में खिड़की, बालकनी या पौधों को लगाएं।
आप अपनी नौकरी या व्यापार में उन्नति चाहते हैं तो शिवजी और जल की स्थापना करके उनकी पूजा करें।
संगीतकार बनना चाहते हैं तो बांसुरी का चित्र लगा दें या करोड़पति बनना चातहते हैं तो माता लक्ष्मी का चित्र लगा दें।
ईशान दोष : उल्लेखनीय है कि ईशान कोण में किसी भी प्रकार का दोष है और कुंडली में भी गुरु पीड़ित है तो जातक में पूजा पाठ के प्रति विरक्ति, देवता, धर्म और गुरुओं पर आस्था में कमी, आय में कमी, संचित धन में कमी, विवाह में देरी, संतानोत्पत्ति में देरी, मूर्च्छा, उदर विकार, कान का रोग, गठिया, कब्ज, अनिद्रा आदि कष्ट होने की संभावना रहती है। इसीलिए ईशान दिशा में भारी सामान नहीं रखते हैं, शनि, राहु, केतु और बुध से संबंधित सामान भी नहीं रखते हैं।
मुख्य द्वार : घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। यदि आपका मकान ईशानमुखी है तो अति उत्तम है। बस आपको शौचालय, किचन और शयन कक्ष को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। उत्तर और ईशान के दारवाजों में ध्यान रखने वाली खास बात यह है कि सर्दियों में घर में ठंडक रहती है तो गर्माहट का अच्छे से इंतजाम करें। साथ ही ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए। इस दिशा से भी लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।