घर के लोगों में आपस में कोई बातचीत नहीं होती है तो उस घर को धर्मशाला कहते हैं। कई बार गृहकलह या वैचारिक मतभेद के चलते ऐसा होता है कि लोगों के चेहरे पर से खुशी ही गायब हो जाती है। ऐसे में घर में खुशनुमान माहौल नहीं रहता। सभी के चेहरे लटके हुए या उदासी से भरे हुए रहते हैं। कोई मेहमान आता है तो उसे में घर का वातावरण अच्छा नहीं लगता है।
यदि ऐसा है तो आप कहीं से ऐसे चित्र लेकर आएं जिसमें हंसता-मुस्कुराता संयुक्त परिवार हो। उसे लाकर आप अपने अतिथि कक्ष में लगा दें, जहां पर सभी की नजर आते-जाते पड़ती रहें। बस कुछ दिनों में देखिए इस चित्र का जादू।
3.इसके अलावा हिमालय, शंख या बांसुरी के चित्र भी लगा सकते हैं। ध्यान रखें, उपरोक्त में से किसी भी एक का ही चित्र लगाएं।
4.यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिए।
5.शयन कक्ष के अंदर भूलकर भी पानी से संबंधित चित्र न लगाएं, क्योंकि पानी का चित्र पति-पत्नी और 'वो' की ओर इशारा करता है।