वाशिंग मशीन के नियम : आजकल वाशिंग मशीन एक जरूरत बन गई है। अगर आपके पास सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन है, तो उसमें उतना ही पानी भरें और कपड़े डालें, जितना निर्देशित हो। मशीन में मोती, शीशे या घुंघरू लगे कपड़े ना डालें। ये मशीन में फंसकर उसे खराब कर सकते हैं। इस्तेमाल के बाद पानी निकालकर ढँककर रखें। फुली ऑटोमेटिक मशीन में निर्दिष्ट भार के अनुसार ही कपड़े डालें। इस मशीन के लिए खास डिटर्जेन्ट होता है, जिसमें झाग कम बनता है। उसी का प्रयोग करें। निर्देशानुसार मशीन को सेट करें। चलती मशीन में सेटिंग ना बदलें।
कम आवाज वाली वाशिंग मशीन : यदि आपने रसोईघर में टेलीविजन, रेडियो, टेपरेकॉर्डर, मिक्सी, वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, आदि लगा रखा है तो इनकी तेज आवाज भी शरीर के लिए खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार 50 से 60 डेसीवल से अधिक ध्वनि हर किसी के लिए खतरनाक हो सकती है। किचन में अधिक शोर होने से कान में आवाज गूंजना, कमजोरी, अनिद्रा, दिल की धड़कन का बढ़ जाना, सिरदर्द, आंखों की तकलीफ, खांसी आदि हो जाती है। वाशिंग मशीन ऐसी लाएं जो कम आवाज करती हो।