वास्तु विज्ञान के अनुसार रसोईघर आग्नेय कोण में होना शुभ फलदायी होता है। इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है। किचन यदि आग्नेय कोण में नहीं है तो इससे घर में रहने वाले लोगों की सेहत, खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अन्न-धन की भी हानि होती है। इससे पाचन संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती हैं। किचन आग्नेय में नहीं है तो पूर्व में चलेगा नहीं तो पश्चिम और उत्तर में भी चलेगा। जानें किचन में पानी कहां रखें।
किचन में कहां रखें पानी : रसोईघर में पानी और आग को कभी भी पास पास नहीं रखना चाहिए। रसोईघर में पीने का पानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। यहां नहीं रख सकते हैं तो पूर्व और पश्चिम में चलेगा। घर में पानी सही स्थान पर और सही दिशा में रखने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अनुकूल रहता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
पानी का स्थान ईशान कोण है अतः पानी का भंडारण या भूमिगत टैंक या बोरिंग पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में होनी चाहिए। पानी को ऊपर की टंकी में भेजने वाला पंप भी इसी दिशा में होना चाहिए। रसोई घर में पीने का पानी, एक्वागार्ड या फिल्टर आदि पूर्व या पूर्व-उत्तर के कोने में रखें।
- रसोईघर में गैस दक्षिण-पूर्व दिशा में रखनी चाहिए।
- रसोईघर में भोजन करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- डाइनिंग टेबल दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए। मकान में अलग डायनिंग हॉल की व्यवस्था की है तो वास्तु अनुसार किसी मकान में डायनिंग हॉल पश्चिम या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- भवन के ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्व में स्टोर का निर्माण किया जाना चाहिए।
- माइक्रोवेव, मिक्सर या अन्य धातु उपकरण दक्षिण-पूर्व में रखें। रेफ्रिजरेटर या फ्रीज उत्तर-पश्चिम में रख सकते हैं।
- रसोईघर में यदि झाडू, पौंछा या सफाई का कोई सामान रखना है तो नैऋत्य कोण में रख सकते हैं।