* वास्तुशास्त्र में दिए गए हैं दीपक जलाने के नियम...
हमारे धार्मिक शास्त्र के अनुसार हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाए जाते हैं। सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है।
वास्तुशास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। दीपक की लौ की दिशा किस ओर होनी चाहिए, इस संबंध में वास्तुशास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है। वास्तुशास्त्र में यह भी बताया गया है कि दीपक की लौ किस दिशा में होने पर उसका क्या फल मिलता है।
1. पूर्व दिशा - दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है -
मंत्र- दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते...
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...
2. पश्चिम दिशा - दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।
मंत्र- शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...
3. उत्तर दिशा - दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-
मंत्र- दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते...
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...
4. दक्षिण दिशा- दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सपलता मिलती है।