प्लॉट खरीदने के बाद उस पर घर बनाते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। प्लॉट के चारों तरफ बने रास्ते, प्लॉट की लंबाई-चौड़ाई, प्लॉट पर लगे पेड़, प्लॉट पर बने कुएँ या कूप आदि सभी का ध्यान रखना चाहिए।
घर कहाँ न बनाए : ब्रह्मदेव के मंदिर के पीछे या विष्णु, सूर्य, शिव या जैन मंदिर के सामने/पीछे बने प्लॉट पर घर न बनाएँ।
इसके अलावा प्लॉट पर घर बनाते समय उत्तर, पूर्व और ईशान में अधिक जगह छोड़े। घर की छत का उतार (ढलान) भी उत्तर या ईशान में हो। सीवेज, नल आदि भी ईशान या नैऋत्य में हो।
खिड़कियाँ पूर्व और उत्तर की तरफ ज्यादा हो। दक्षिण में खिड़की न बनाएँ। ईशान कोण में किचन भी न बनाएँ। आउट हाऊस हमेशा पश्चिम या दक्षिण में तथा गैरेज पूर्व या उत्तर में बनाएँ।
घर का दरवाजा : मुख्य दरवाजा
ND
* दरवाजे के सामने रास्ता न हो अन्यथा गृहस्वामी की उन्नति नहीं होगी। * दरवाजे के सामने पेड़ होने से बच्चे बीमार रहते है। * दरवाजे के सामने पानी बहता रहे तो धन हानि होती है।
* दरवाजे के सामने मंदिर हो तो घर में कभी सुख नहीं मिलता। * स्तंभ (खंभे) के सामने दरवाजा हो तो स्त्री हानि होती है। * यदि मुख्य दरवाजा एक हो (मुख्य द्वार) तो हमेशा पूर्व में रखें। यदि दो दरवाजों का प्रवेश हो तो पूर्व व पश्चिम में बनाएँ।
* जमीन की तुलना में यदि दरवाजा नीचा हो तो घर के पुरुष व्यसनासिक्त व दु:खी रहते हैं। * घर के आगे वीथिशूल हो (रास्ता, मंदिर आदि) तो घर की ऊँचाई से दोगुनी जगह आगे छोड़ने से दोष नहीं लगता। * यदि कोई रास्ता आपके घर या इमारत से आड़ा होकर निकले या इमारत तक आकर समाप्त हो तो यह शुभ होता है। * घर का मुख्य द्वार हमेशा अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए।